Hindi, asked by NieuGala, 1 year ago

anuched on Badal Ki Aatmakatha

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Answered by ashlee
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बदल की  आत्मकथा।  
में बदल हु।  यह अंतहीन आकाश ही मेरी दुनिया है , मेरा  निवास है।  गर्मिओ के दिन है , मेरे बरसने का समय अभी नही हुआ। तो मैं युही अपने हलके - फुल्के मित्रो के  साथ घूमता फिरता हु। मुझे दिख रहा है कि लोग बरी उत्सुकता के साथ मेरे आने का इंतज़ार कर रहे है। मैं उन्हें निराश नही करूँगा ,यही कुछ दिन, दो  दिन में बरस जायूँगा।  मेरा जन्म गुजरात राज्य के पास अरब सागर के पानी के भाप से हुआ था, और आज मैं हवा में बहते हुए कोल्कता यानि पश्चिम बंगाल तक पहुँच गया। मुझे यह जीवन बोहुत प्रिय है।  हज़ारो किस्म के पक्षिया, हवाई जहाज़ , इंद्रा धनुष सुर कितने ही ऐसे शानदार चीज़े मुझे हर दम देखने को मिल जाती।  सच मैं बदल बनकर अत्यंत खुश हु।  अभी गर्मियां बोहुत ज़्यादा इस लिए दिन ब  दिन मेरे साथियो की संख्या बरती जा रही है, अब मालूम होता है शयद आज कल में बरस जायगा।  कितना शानदार होगा वह नज़ारा जब मैं हरे  खेत,नील नदी , प्यासी भूमि को अपना पानी वितरण करूंगा। सोच कर ही मन प्रफुल्लित हो उठता है। वो देखो अभी एक चिड़िया मेरा ह्रदय भेदती हुई उर चली।  ओ नील वतन , ओ प्यासी धरती मैं शिग्र ही आ रहा हु। 
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