Hindi, asked by pratyushgargpnpt, 9 months ago

anuched on imandari ka mahatva 100 to 120 words​

Answers

Answered by sunil146cctnshp
4

Answer:

Bro.

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Explanation:

ईमानदारी को सबसे अच्छी नीति माना जाता है हालांकि, इसका पालन करना और विकसित करना बहुत आसान नहीं है। कोई भी व्यक्ति इसे अभ्यास से विकसित कर सकता है, लेकिन इसके लिए अधिक अभ्यास और समय की आवश्यकता होती है। ईमानदारी क्यों महत्वपूर्ण है, इसके लिए कुछ निम्नलिखित तत्व है:

बिना ईमानदारी के कोई भी व्यक्ति, परिवार, मित्रों, अध्यापकों आदि के साथ किसी भी स्थिति में रिश्ते को विश्वसनीय नही बना सकता है। ईमानदारी रिश्तों में विश्वास का निर्माण करती है।

कोई भी किसी के मस्तिष्क को नहीं पढ़ सकता, जब तक कि वह यह महसूस नहीं करता कि, वह व्यक्ति ईमानदार है। ईमानदारी अच्छी आदत है, जो सभी को खुशी और शान्तिपूर्ण मस्तिष्क प्रदान करती है। बेईमान लोग किसी भी रिश्ते का विकास नहीं होने देते और बहुत सी समस्याओं का निर्माण करते हैं।

झूठ बोलना अपने प्रियजनों को बहुत ही दुख देता है, जो रिश्तों में विश्वासघात के हालात पैदा करता है। ईमानदार होना खुशनुमा चेहरा और निडर मन देता है।केवल कुछ डर के कारण सच बोलना, एक व्यक्ति को वास्तविक रुप से ईमानदार नहीं बनाता। यह एक अच्छा गुण है, जिसे लोगों को हमेशा अपने व्यवहार में आत्मसात करना चाहिए। सत्य हमेशा कड़वा होता है हालांकि, हमेशा अच्छे और स्वस्थ परिणाम देता है।

ईमानदारी वह शक्ति है, जो भ्रष्टाचार को हटाने की क्षमता को रखती है और समाज के बहुत से मुद्दों को हल कर सकती है। शुरुआत में, ईमानदारी का अभ्यास जटिल और उलझन वाला हो सकता है हालांकि, बाद में व्यक्ति को बेहतर और राहत महसूस कराती है। यह एक व्यक्ति को किसी भी बोझ से राहत देने के साथ ही स्वतंत्र बनाती है।

यह वह गुण है, जो किसी भी समय विकसित किया जा सकता है हालांकि, बचपन से ही अपने माता-पिता, बड़ों, पड़ोसियों और शिक्षकों की मदद से इसका अभ्यास करना अच्छा होता है। सभी पहलुओं पर ईमानदार होना बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह पूरे जीवनभर सकारात्मक योगदान देता है।

Answered by sujatapinkyhota
3

Answer:

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Explanation:

ईमानदारी का अर्थ जीवन के सभी आयामों में एक व्यक्ति के लिए सच्चा होना है। इसके अन्तर्गत किसी से भी झूठ न बोलना, कभी किसी को भी बुरी आदतों या व्यवहार से तकलीफ नहीं देना शामिल है। ईमानदार व्यक्ति कभी भी उन गतिविधियों में शामिल नहीं होता, जो नैतिक रुप से गलत होती हैं। ईमानदारी किसी भी नियम और कानून को नहीं तोड़ती है। अनुशासित रहना, अच्छे से व्यवहार करना, सच बोलना, समयनिष्ठ होना और दूसरों की ईमानदारी से मदद करना आदि सभी लक्षण ईमानदारी में निहित होते हैं।

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