anuched on kesa shasan bin anushasan
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अनुशासन का अभाव अव्यवस्था और अराजकता लाता है। कुछ नियम हैं जो हमारी गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं। अगर हम इन नियमों का सम्मान नहीं करते हैं, तो हमारा जीवन नौका के बिना नाव की तरह होगा। अगर हम अपने माता-पिता के घर पर, स्कूल में हमारे शिक्षकों और रेफरी या खेल के मैदान में अंपायर का पालन नहीं करते हैं, तो हम कल्पना कर सकते हैं कि क्या होगा। वे चाहते हैं कि हम अनुशासित सैनिकों की तरह बड़े हो जाएं सशस्त्र बलों के अनुशासन में सब कुछ है अनुशासन के बिना सेना एक झपट है। उनके समान हम सभी को अनुशासित किया जाना चाहिए, ताकि सभी को हमारे पर गर्व हो। अनुशासन के बिना शासन कुछ नही है।
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शासन और अनुशासन दोनों में अटूट सम्बन्ध हैं | शासन अनुशासन को बनाने के एक व्यवस्था का ही नाम है | मानव –जीवन को चलने के लिए ही शासन – व्यवस्था की ज़रूरत होती है | पुरे देश चलाने के लिए तो कठोर अनुशासन और नियम-व्यवस्था की ज़रूरत होती है |
शासकों में अनुशासन की आवश्यकता – अनुशासन बनाने के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी शासकों की होती है | जिस देश के शासक खुद अनुशासित होते है, वहां का शासन ही नहीं पूरा जन-जीवन अनुशासित हो जाता है | जनता सता अपने बड़ो का आचरण देखती है | जब राजा धुड तपस्वी हो जाये तो जनता भोग-विलास की छूट नहीं ले सकती |
देश की वर्तमान स्थिति – दुर्भाग्य से आज स्थिति यह है कि शासन करने वाले लीग अपने-आप को सभी नियमों से ऊपर समझते है | वे अनुशासन का पालन करने में अपना अपमान मानते है | वे खुद को खुदा समझते लगते है | इसी कारन उनकी गर्दन अकड़ जाती है | वे अपनी मनमानी करे है | हे स्वय की नियम-निर्माता मानते है |