Hindi, asked by sejalsingh29, 1 year ago

anuched on mahangai ki samasya​

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Answered by saloni9024
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Answer:

भारत की बहुत सी आर्थिक समस्याओं में महंगाई की समस्या एक मुख्य है । वर्तमान समय में महंगाई की समस्या अत्यन्त विकराल रूप धारण कर चुकी है । एक दर से बढ़ने वाली महंगाई तो आम जनता किसी न किसी तरह से सह लेती है, लेकिन कुछ समय से खाद्यान्नों और कई उपभोक्ता वस्तुओं के मूल्यों में भारी वृद्धि ने उप कर दिया है ।

वस्तुओं के मूल्यों में वृद्धि का क्रम इतना तीव्र है कि आप जब किर को दोबारा खरीदने जाते हैं, तो वस्तु का मूल्य पहले से अधिक हो चुका होता है । गरीब और गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के मुख्य खाद्य पदार्थ गेहूँ के लगभग एक-तिहाई बढ़ोतरी इस समस्या के विकराल होने का संकेत दे रही है ।

चिन्तनात्मक विकास:

कीमतों में निरन्तर वृद्धि एक दहशतकारी मोड़ ले रही है । कारण मनुष्य की समाज में उन्नत जीवन जीने की इच्छा एक दिवास्वप्न हो गई है । पदार्थो की कीमतों में अत्यधिक वृद्धि हुई है, इसका कारण है हमारी कृषि व्यवस्था र्क अवस्था ।

कालाधन, जमाखोरी, राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार, गरीबी, जनसंख्य अल्पविकास, राष्ट्रीयकृत उद्योगों में घाटा, सरकारी कुव्यवस्था, रुपये का अवमूल्यन, मुद्रास्फीति इत्यादि ऐसे कारक हें जो निरन्तर महंगाई को बढ़ाये जा रहे हैं । महंगाई आज राष्ट्रीय ही नहीं अपितु अन्तर्राष्ट्रीय समस्या बन गई है । महंगाई के कारण असन्तोष बढ़ रहा है हर वर्ग के लोग त्रस्त हैं । बढ़ती महंगाई अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र को प्रभावित कर प्रत्येक वस्तु के मूल्य एवं किराये बढ़ रहे हैं ।

प्रत्येक उपभोक्ता वस्तुओं की पूर्ति में रही है । जहाँ तक खाद्यान्नों का प्रश्न है उसकी वृद्धि दर तो और भी कम है यानि तव प्रतिशत प्रतिवर्ष लगभग जनसंख्या वृद्धि दर के समतुल्य । इसलिए इसका कारण अन की जरूरत नहीं है कि देश में खाद्यानने संकट क्यों है और मूल्य बढ़ क्यों रहे है । यह है कि भारत में चूंकि कृषि ही आजीविका का मुख्य आधार है इसलिये यह सारे प्रभावित करती है ।

सरकार ने कृषि की घोर उपेक्षा की है, काले धन को रोकने के नहीं किया गया है तथा विदेशी धन की बाढ़ के कारण बढ़ते भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का भी इंतजाम नहीं किया गया है । यही कारण है कि वह मुद्रास्फीति को रोक नहीं प जिससे भारत में यह साल दर साल ऊपर जा रही है ।

जब तक सरकार वर्तमान् पर कायम रहेगी, मुद्रस्फीति बढ़ेगी और आम आदमी का जीवन दूभर होता रहेगा । वृद्धि का सरकार के पास कोई जवाब नहीं है । सरकारी नीतियों की विफलता ने य’ में वृद्धि की है । जब तक इन सभी विसंगतिर्यो को दूर नहीं किया जा सकता तब तक महंगाई कम नहीं हो सकती ।

उपसंहार:

कीमतों में वृद्धि के कारणों को दूर करने के साथ-साथ आवश्यकता संकल्प की और उसके लिए राष्ट्रीय संस्कार तथा संचेतना की । राष्ट्र के कर्णधार यदी अपने व्यक्तिगत और दलगत स्वार्थों से ऊपर उठकर विचार करें, तो देश अपने सभी विद्द्यामान तथा उपलब्ध साधनों के आधार पर राष्ट्र की प्रगति तथा सुख समृद्धि के मार्ग में आने वार और कठिनाइयों को दूर कर सफलता अर्जित कर सकता है ।

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