Anuched on mere jeevan ka yadgar pal in 100 words
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जीवन के यादगार संस्मरण पर अनुच्छेद:
कॉलेज में पढ़ने के दौरान मुझे डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम साहब से मिलने का मौका मिला। वे मेरे कॉलेज में विज्ञान के चमत्कारों और पृथ्वी के बदलते स्वरूप पर व्याख्यान देने के लिए आए थे।
एक बहुत बड़े वैज्ञानिक और दार्शनिक को अपनी आंखों से देखना, उनसे रूबरू होना बेहद महत्वपूर्ण पल था। धारणाओं के विपरीत वे बहुत ही सौम्य स्वभाव के स्वामी थे। साफगोई, संजीदगी और सरलता उनके व्यक्तित्व को चार चांद लगा रही थी। जिस तरह से उन्होंने उपस्थित छात्रों के साथ आत्मीयता से वार्तालाप किया, वो मेरे लिए ही नहीं बल्कि वहां मौजूद सभी छात्रों के लिए याद रखने लायक अनुभव रहा होगा।
छात्रों द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट्स का अवलोकन करते समय उन्होंने मेरे बनाए सौर ऊर्जा एक्स्टेंडर प्रोजेक्ट को बहुत गहनता से जांचा और इसके लिए मेरी पीठ थपथपाई। आज भी उस पल को याद करते समय वह दृश्य मेरी नजरों में जीवंत हो जाता है। निसन्देह यह मेरी जिंदगी का सबसे शानदार और यादगार पल था।