Hindi, asked by jai6039, 1 year ago

anuched on Samay ka sadupyog​

Answers

Answered by awesome10917
50

मनुष्य के जीवन में समय की महत्वपूर्ण भूमिका है । वह व्यक्ति जो समय के महत्व को समझता है वही इसका सही उपयोग कर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहता है । परंतु दूसरी तरफ वे लोग जो समय की महत्ता की अनदेखी करते हैं अथवा समय का दुरुपयोग करते हैं वे जीवन पर्यत असफलता ही पाते हैं ।

समय उन्हें पतन की ओर धकेल देता है । अत: मनुष्य की सफलता और समय का सदुपयोग दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं प्रसिद्‌ध उक्ति है:

” का वर्षा जब कृषि सुखाने,

समय चूकि पुनि का पछिताने? ”

प्रतिस्पर्धा के आधुनिक युग में तो समय की महत्ता और भी बढ़ गई है । आज समय गँवाने का अर्थ है प्रगति की राह में स्वयं को पीछे धकेलना । प्रत्येक क्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि जो पल एक बार गुजर जाते हैं वे कभी भी वापिस नहीं लौटते ।

सफलता के लिए यदि व्यक्ति समय रहते प्रयास नहीं करता तो वह जीवन पर्यंत ठोकरें खाता रहता है और उसकी सफलता मृगतृष्णा की भांति उससे मीलों दूर रहती है । अत: यह आवश्यक है कि यदि संसार में हम एक अच्छा और सफल जीवन व्यतीत करना चाहते हैं तो हम समय के महत्व को समझें और हर क्षण को उसकी पूर्णता के साथ जिएँ ।

समय को यदि हम और विस्तृत रूप में समझें तो कह सकते हैं कि समय ही विश्व का निर्माता और विनाशक है । यह सदैव गतिमान है । किसी विशेष व्यक्ति के लिए यह कभी नहीं रुकता है । उसकी यह शाश्वत प्रकृति इस सृष्टि के आदि से है और भविष्य में शाश्वत बनी रहेगी ।

कितने ही महापुरुष महामानव होते चले गए परंतु समय फिर भी चलता रहा वह कभी नहीं रुका । जो लोग समय के साथ चलते हैं वे जीवन में अपने पदचिहन छोड़ जाते हैं और समूचा विश्व उनका अनुकरण करता है । परंतु वे सभी लोग जो समय के महत्व को नहीं समझ सके अथवा समय के साथ न चल सके वे लुप्त हो गए ।

विद्यार्थी जीवन में समय की उपयोगिता तो और भी बढ़ जाती है क्योंकि यह वह समय है जब मनुष्य के चरित्र का निर्माण होता है । इस अवस्था में यदि वह समय के महत्व को नहीं समझ पाता तो आगे उसे उसके महत्व को आत्मसात् करने में बहुत कठिनाई होती है ।

वे सभी छात्र-छात्राएँ जो विद्‌यार्थी जीवन में समय के महत्व को समझते हुए इसका पूर्ण रूप से उपयोग करते हैं तथा लगन और परिश्रमपूर्वक शिक्षा ग्रहण करते हैं वे ही बड़े होकर ऊँचे व महत्वपूर्ण पदों पर पदासीन होते हैं । परंतु वे विद्‌यार्थीगण जो केवल खेल व कुसंगति में अपना समय नष्ट करते हैं वे जीवन पर्यत अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी जूझते रहते हैं ।

जीवन में समय के सदुपयोग के लिए इसके महत्व को समझने के अतिरिक्त यह भी आवश्यक है कि हम अपने कार्य की प्राथमिकताओं के आधार पर अपने समय को बुद्धिमत्ता से विभाजित कर लें ताकि कार्य की महत्ता के अनुसार हम अपने सभी कार्यो को उचित समय दे सकें ।

निरंतर कार्य भी हमें शारीरिक व मानसिक रूप से थका देता है इसलिए यह आवश्यक है कि उचित अंतराल के बाद हम विश्राम लेते रहें तथा मनोरंजन आदि के लिए भी समय निकालें जिससे हम पुन: स्कूर्तिवान हो सकें। गाँधी जी अपने मिनट-मिनट के समय का हिसाब रखते थे, साथ-साथ वे कुछ समय आराम के लिए भी निकाल रखते थे । अत: उचित आराम को समय का दुरुपयोग नहीं कहा जा सकता ।

आज आधुनिक दौर में व्यक्ति प्रगति की राह पर इतनी तेज गति से चल रहा है कि समय को बाँधकर रखना नितांत आवश्यक है अर्थात् यह आवश्यक है कि समय रहते हम अपने कार्य को तुरंत पूर्णता प्रदान करें । ‘समय गया बात गई’ यह लोकोक्ति हमें संदेश देती है कि महत्ता समय की ही है ।

समय रहते कार्य न किया गया तो बात नहीं बन सकती है । इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को समय की महत्ता समझते हुए ही कार्य करना चाहिए क्योंकि जो व्यक्ति समय को महत्व नहीं देता है समय (काल) भी उसे महत्वहीन कर देता है । जीवन का यही कटु सत्य है ।

Hope it helps!!


awesome10917: hello??
Anonymous: yes
awesome10917: where have you gone??
Anonymous: i was busy
awesome10917: okay
awesome10917: with someone...xd
Anonymous: no no...xD
awesome10917: dp❤️❤️
Anonymous: thank uh..❤❤
awesome10917: i have said something
Answered by raj1294414856
16

Answer:

समय, सफलता की कुंजी है। समय का चक्र अपनी गति से चल रहा है या यूं कहें कि भाग रहा है। अक्सर इधर-उधर कहीं न कहीं, किसी न किसी से ये सुनने को मिलता है कि क्या करें समय ही नही मिलता। वास्तव में हम निरंतर गतिमान समय के साथ कदम से कदम मिला कर चल ही नही पाते और पिछङ जाते हैं। समय जैसी मूल्यवान संपदा का भंडार होते हुए भी हम हमेशा उसकी कमी का रोना रोते रहते हैं क्योंकि हम इस अमूल्य समय को बिना सोचे समझे खर्च कर देते हैं।

विकास की राह में समय की बरबादी ही सबसे बङा शत्रु है। एक बार हाँथ से निकला हुआ समय कभी वापस नही आता है। हमारा बहुमूल्य वर्तमान क्रमशः भूत बन जाता है जो कभी वापस नही आता। सत्य कहावत है कि बीता हुआ समय और बोले हुए शब्द कभी वापस नही आ सकते। कबीर दास जी ने कहा है कि,

काल करै सो आज कर, आज करै सो अब।

पल में परलै होयेगी, बहुरी करेगा कब।।

सच ही तो है मित्रों, किसी भी काम को कल पर नही टालना चाहिए क्योंकि आज का कल पर और कल का काम परसों पर टालने से काम अधिक हो जायेगा। बासी काम, बासी भोजन की तरह अरुचीकर हो जायेगा। समय जैसे बहुमूल्य धन को सोने-चाँदी की तरह रखा नही जा सकता क्योंकि समय तो गतिमान है। इस पर हमारा अधिकार तभी तक है जब हम इसका सदुपयोग करें अन्यथा ये नष्ट हो जाता है। समय का उपयोग धन के उपयोग से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि हम सभी की सुख-सुविधा इसी पर निर्भर है।

चाणक्य के अनुसार- जो व्यक्ति जीवन में समय का ध्यान नही रखता, उसके हाँथ असफलता और पछतावा ही लगता है।

समय जितना कीमती और वापस न मिलने वाला तत्व है उतना उसका महत्व हम लोग प्रायः नही समझते। परन्तु जो लोग इसके महत्व को समझते हैं वो विश्व पटल के इतिहास पर सदैव विद्यमान रहते हैं।

“ईश्वरचन्द्र विद्यासागर समय के बङे पाबंद थे। जब वे कॉलेज जाते तो रास्ते के दुकानदार अपनी घङियाँ उन्हे देखकर ठीक करते थे।“

“गैलेलियो दवा बेचने का काम करते थे। उसी में से थोङा-थोङा समय निकाल कर विज्ञान के अनेक आविष्कार कर दिये।“

“घर-गृहस्थी के व्यस्त भरे समय में  हैरियट वीचर स्टो ने गुलाम प्रथा के विरुद्ध आग उगलने वाली पुस्तक “टॉम काका की कुटिया” लिख दी जिसकी प्रशंसा आज भी बेजोड़ रचना के रूप में की जाती है।“कहने का आशय है कि प्रत्येक विकासशील एवं उन्नतशील लोगों में एक बात समान है- समय का सदुपयोग।

समय का प्रबंधन प्रकृति से स्पष्ट समझा जा सकता है। समय का कालचक्र प्रकृति में नियमित है। दिन-रात, ऋतुओं का समय पर आना-जाना है । यदि कहीं भी अनियमितता होती है तो विनाष की लीला भी प्रकृति सीखा देती है। समय की उपेक्षा करने पर कई बार विजय का पासा पराजय में पलट जाता है। नेपोलियन ने आस्ट्रिया को इसलिए हरा दिया कि वहाँ के सैनिकों ने पाँच मिनट का विलंब कर दिया था, लेकिन वहीं कुछ ही मिनटो में नेपोलियन बंदी बना लिया गया क्योंकि उसका एक सेनापति कुछ विलंब से आया। वाटरलू के युद्ध में नेपोलियन की पराजय का सबसे बङा कारण समय की अवहेलना ही थी। कहते हैं खोई दौलत फिर भी कमाई जा सकती है। भूली विद्या पुनः पाई जा सकती है किन्तु खोया हुआ समय पुनः वापस नही लाया जा सकता सिर्फ पश्चाताप ही शेष रह जाता है।

समय के गर्भ में लक्ष्मी का अक्षय भंडार भरा हुआ है, किन्तु इसे वही पाते हैं जो इसका सही उपयोग करते हैं। जापान के नागरिक ऐसा ही करते हैं, वे छोटी मशीनों या खिलौनों के पुर्जों से अपने व्यावसायिक कार्य से फुरसत मिलने पर नियमित रूप से एक नया खिलौना या मशीनें बनाते हैं। इस कार्य से उन्हे अतिरिक्त धन की प्राप्ति होती है। उनकी खुशहाली का सबसे बङा कारण समय का सदुपयोग ही है।

समर्थ गुरू स्वामी रामदास कहते थे कि-

एक सदैव पणाचैं लक्षण।

रिकामा जाऊँ ने दो एक क्षण।।

अर्थात, “जो मनुष्य वक्त का सदुपयोग करता है, एक क्षण भी बरबाद नही करता, वह बड़ा सौभाग्यवान होता है।“

समय तो उच्चतम शिखर पर पहुँचने की सीढी है। जीवन का महल समय की, घंटे-मिनटों की ईंट से बनता है। प्रकृति ने किसी को भी अमीर गरीब नही बनाया उसने अपनी बहुमुल्य संपदा यानि की चौबीस घंटे सभी को बराबर बांटे हैं। मनुष्य कितना ही परिश्रमी क्यों न हो परन्तु समय पर कार्य न करने से उसका श्रम व्यर्थ चला जाता है। वक्त पर न काटी गई फसल नष्ट हो जाती है। असमय बोया बीज बेकार चला जाता है। जीवन का प्रत्येक क्षण एक उज्जवल भविष्य की संभावना लेकर आता है। क्या पता जिस क्षण को हम व्यर्थ समझ कर बरबाद कर रहे हैं वही पल हमारे लिए सौभाग्य की सफलता का क्षण हो। आने वाला पल तो आकाश कुसुम की तरह है इसकी खुशबु से स्वयं को सराबोर कर लेना चाहिए।

फ्रैंकलिन ने कहा है – समय बरबाद मत करो, क्योंकि समय से ही जीवन बना है।

ये कहना अतिशयोक्ति न होगी कि, वक्त और सागर की लहरें किसी की प्रतिक्षा नही करती। हमारा कर्तव्य है कि हम समय का पूरा-पूरा उपयोग करें।

धन्यवाद !


awesome10917: bye
awesome10917: plz don't comment
awesome10917: here
awesome10917: bye
Anonymous: plz yrr tell me
Anonymous: sorry if i hurt uh
awesome10917: no you haven't
awesome10917: i am busy today
awesome10917: bye
Anonymous: :(
Similar questions