anuched on satsangati in Hindi
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सत्संगति से अपना व समाज का उद्धार करें ।
मित्र हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब दूध से भरे हुए बर्तन में एक बूँद पानी मिलता है तो वह दूध बन जाता है। जब पानी से भरे बर्तन में एक बूँद दूध मिलता है तो वह भी पानी बन जाता है। एक पत्ता जो हवा के साथ मित्रता करता है वह उसके साथ ऊँचें उड़ता है। उसके बिना वह मिट्टी में मिल जाता है। पंचतंत्र में हमारे जीवन में मित्रों के महत्त्व के बारे में अनेक कहानियाँ बताई गयी हैं।
कहते हैं कि जो मित्र दुःख के समय हमारा साथ देता है वह हमारा सच्चा मित्र है। जब तालाब में पानी होता है तो अनेक मेढक उसके आस पास रहते हैं। परन्तु पानी सूख जाने पर कहीं और चले जाते हैं। बनावटी मित्र भी इस प्रकार के होते हैं। जबतक हमारे पास सुख सुविधायें होती हैं वे हमारे पास रहते हैं। कष्ट के समय मदद नहीं करते और हमारी ओर से अपना मुख मोड़ लेते हैं।
रहीम दास जी कहते हैं कि कुछ दिन का दुःख अच्छा है। उस समय हम अपने सच्चे मित्र को पहचान सकते हैं। एक अच्छा मित्र हमें गलत रास्ते पर जाने से रोकता है और सही राह दिखाता है। दुःख के समय हमारा साथ देता है और हिम्मत देता है। अच्छे मित्र के साथ रहकर हमारे विचार भी उच्च होते हैं और हम उन्नति करते हैं। बनावटी मित्र हमें पतन की ओर ले जाते हैं। इसलिए सत्संगति आवश्यक है।