Hindi, asked by LaavanyaRay, 1 year ago

Anuched on "t.v. Reality show ka samaj par prabhaav" in hindi.

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Answered by mohan1552003mohan
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मनोरंजन पाने का एक माध्यम टीवी है। अगर इस माध्यम से कुछ शिक्षा मिलती है तो इससे समाज को एक नई दिशा मिलती है। लेकिन आजकल दिखाए जाने वाले रियालिटी शो का नकारात्मक प्रभाव समाज पर पड़ रहा है। आजकल कोई भी ऐसा टीवी चैनल नहीं है जिसमें रियालिटी शो न आता हो। एक समय था जब टेलीविजन पर मनोरंजन के लिए समाचार, पुरानी फिल्में गाने, कॉमेडी शो और सप्ताह में एक फिल्म दिखाई जाती थी और रात को १० बजे टीवी के कार्यक्रम बंद हो जाते थे | परंतु आजकल चौबीसों घंटे कार्यक्रम चलते रहते हैं। मुद्दा यह है कि, रियालिटी शो में क्या सब कुछ वास्तविक होता है? अध्ययन से यह पता चला है कि रियलिटी शो में दिखाई जाने वाली कहानियां और विषयवस्तु से आज के युवाओं के दिल और दिमाग पर गहरा असर पड़ रहा है | कई युवा लोग इस काल्पनिक दुनिया को वास्तविक और हकीकत समझ रहे हैं। लेकिन वास्तविकता कुछ अलग ही है। असल जीवन में रियलिटी शो के कलाकारों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, और परिणामस्वरूप वह कुंठित हो जाते हैं। बच्चों की बात करें तो जैसे उनका बचपन ही छीन गया हो। रातों रात अमीर बनने की ललक के चलते बच्चे असफल माँ-बाप की सफलता की सीढ़ी बन रहे हैं | रियलिटी शो में भाग लेने के बाद, निकाले हुए बच्चों को असफलता का तमगा लगा दिया जाता है, जिस बोझ के साथ उन्हें सारी उम्र जीवन व्यतीत करना पड़ता है। शिशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार शूटिंग के दौरान तेज रोशनी का सामना करना पड़ता है जो बच्चों के शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। तेज़ रोशनी से आंखों पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसलिए रियालिटी शो के असलियत को पहचानें और सोचें की रियलिटी शो के दुश्प्रभाव को कैसे रोका जाएं।
Answered by swetasharmakv1
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मनोरंजन पाने का एक माध्यम टीवी है। अगर इस माध्यम से कुछ शिक्षा मिलती है तो इससे समाज को एक नई दिशा मिलती है। लेकिन आजकल दिखाए जाने वाले रियालिटी शो का नकारात्मक प्रभाव समाज पर पड़ रहा है। आजकल कोई भी ऐसा टीवी चैनल नहीं है जिसमें रियालिटी शो न आता हो। एक समय था जब टेलीविजन पर मनोरंजन के लिए समाचार, पुरानी फिल्में गाने, कॉमेडी शो और सप्ताह में एक फिल्म दिखाई जाती थी और रात को १० बजे टीवी के कार्यक्रम बंद हो जाते थे | परंतु आजकल चौबीसों घंटे कार्यक्रम चलते रहते हैं। मुद्दा यह है कि, रियालिटी शो में क्या सब कुछ वास्तविक होता है? अध्ययन से यह पता चला है कि रियलिटी शो में दिखाई जाने वाली कहानियां और विषयवस्तु से आज के युवाओं के दिल और दिमाग पर गहरा असर पड़ रहा है | कई युवा लोग इस काल्पनिक दुनिया को वास्तविक और हकीकत समझ रहे हैं। लेकिन वास्तविकता कुछ अलग ही है। असल जीवन में रियलिटी शो के कलाकारों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, और परिणामस्वरूप वह कुंठित हो जाते हैं। बच्चों की बात करें तो जैसे उनका बचपन ही छीन गया हो। रातों रात अमीर बनने की ललक के चलते बच्चे असफल माँ-बाप की सफलता की सीढ़ी बन रहे हैं | रियलिटी शो में भाग लेने के बाद, निकाले हुए बच्चों को असफलता का तमगा लगा दिया जाता है, जिस बोझ के साथ उन्हें सारी उम्र जीवन व्यतीत करना पड़ता है। शिशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार शूटिंग के दौरान तेज रोशनी का सामना करना पड़ता है जो बच्चों के शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। तेज़ रोशनी से आंखों पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसलिए रियालिटी शो के असलियत को पहचानें और सोचें की रियलिटी शो के दुश्प्रभाव को कैसे रोका जाएं।
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