anuched on tanav swasthay ka shatru in hindi
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भयंकर बीमारी है तनाव
‘तनाव’ आजकल हर दूसरे इंसान के जीवन का हिस्सा बना चुका है। इस आधुनिक जगत में जहां हर कोई सफल होने की और दूसरे से आगे होने की कोशिश करता रहता है, वहां तनाव का होना सामान्य-सी बात है। लेकिन तनाव अपने आप में एक सामान्य बात नहीं है।
हर दूसरा इंसान है पीड़ित
ये कैसे धीरे-धीरे हमारे जीवन को प्रभावित करता है हम समझ भी नहीं पाते। अकसर लोग यह समझने की भूल कर बैठते हैं कि अन्य बीमारियों की तरह ही तनाव भी जब हमारे ऊपर हावी होगा तो हमारा शरीर अपने आप हमें सूचित कर देगा।
तनाव एक शारीरिक नहीं, वरन् मानसिक परेशानी है। जिसे निम्न संकेतों के माध्यम से पहचाना जा सकता है।
बार बार भूलना
तनाव जब जीवन में हद से ज्यादा बढ़ जाता है तो हमारा शरीर और दिमाग हमें ऐसे कई संकेत देता है, जो हम नजरअंदाज कर देते हैं। जिसमें से पहला है ‘बार-बार भूलना’। स्टैंफार्ड के एक शोधकर्ता द्वारा की गई शोध के अनुसार जब एक व्यक्ति तनाव का शिकार हो जाता है, तो इसका सबसे अधिक दिमाग के उन तत्वों को पहुंचता है जो नई यादें बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसलिए तनाव से ग्रस्त लोग कुछ घंटे पहले ही रखे व्यक्ति का नाम भूल जाते हैं, एक घंते पहले कौन सी वस्तु कहां रखी थी भूल जाते हैं, 10 मिनट पहले कुछ करने जा रहे थे वे भूल जाते हैं, 1 मिनट पहले ही किसी से बात करने का विचार बनाया था लेकिन उसे क्या कहना था वो ही भूल जाते हैं।
वजन में आश्चर्यजनक बदलाव आना
तनाव के कारण किसका वजन बढ़ेगा और किसका घटेगा, यह तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन एक बड़ा बदलाव जरूर आता है। यह शारीरिक हार्मोन पर निर्भर करता है। कई लोग तनाव में आकर अधिक संख्या में वजन खो देते हैं, वहीं दूसरी ओर कई लोग स्ट्रेस के कारण अधिक खाना खाने लगते हैं जो वजन को बढ़ा दता है। इसे साइंस की भाषा में ‘स्ट्रेस ईटिंग जीन’ कहा जाता है, जिसके शरीर में आने से वह व्यक्ति जरूरत से अधिक भोजन करने लगता है। गलत समय पर भोजन करना, हर थोड़ी देर में खाना और जो मिले उसे अधिक मात्रा में खाना, इसी स्ट्रेस ईटिंग जीन की वजह से होता है।
पाचन तंत्र में परेशानी
जिन लोगों को बचपन से ही पाचन संबंधी समस्याएं रही हैं वे शायद तनाव की इस गुत्थी को सुलझाने में असमर्थ रहें, लेकिन अचानक से जो लोग इस परेशानी की चपेट में आ गए हैं उन्हें इस संकेत को इग्नोर नहीं करना चाहिए।
तनाव के कारण पाचन तंत्र के हर हिस्से को चोट पहुंचती है। इस हिस्से में कमजोरी आने लगती है। तनाव के अधिक हो जाने से ‘एसिड’ बनता है, जो पाचन शक्ति को और भी कमजोर कर देता है। यह व्यक्ति की भूख तक कम कर सकता है। मुंह का स्वाद बिगड़ने लगता है।
बालों का झड़ना
बालों का झड़ना काफी सामान्य बात है, लेकिन बालों का अधिक झड़ना और ग्रोथ के नाम पर कुछ भी नहीं, ऐसा हो तो नजरअंदाज ना करें। कई बार अधिक दवाओं का सेवन करने से भी बाल काफी झड़ने लगते हैं, लेकिन बिना किसी ठोस कारण के बालों का झड़ना चिंताजनक बात है।
त्वचा संबंधी तकलीफें
यह एक संकेत हैं जो अमूमन सभी के साथ घटित नहीं होता है, लेकिन अचानक किसी स्किन प्राब्लम का होना तनाव को दर्शाता है। यदि कोई व्यक्ति पहले से ही किसी त्वचा संबंधी परेशानी की चपेट में है, लेकिन साथ ही अधिक तनाव का भी शिकार है, तो उसकी इस स्किन प्राब्लम का बढ़ जाना तय है।
सिरदर्द
तनाव के कारण सिरदर्द का होना सामान्य देखा गया है, लेकिन इसका हर दूसरे दिन होना अधिक तनाव को दर्शाता है। माथे की वे नसें जो गर्दन की ओर आती हैं, इन्हीं नसों में सबसे ज्यादा परेशानी होती है।
सिरदर्द
छोटी-छोटी आवाजों से चिड़चिड़ाहट होना, नींद में दिक्कत आना, हर बात पर चिड़चिड़ापन, ते सब तनाव की निशानियां हैं जो सिरदर्द को भी न्यौता देती हैं।
बार-बार बीमार पड़ना
एक शोध के अनुसार तनाव व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को कमजोर बना देता है, फलस्वरूप बार-बार बीमार पड़ना सामान्य बात बन जाती है। इन बीमारियों से बचने के लिए कितना भी इलाज करा लें, लेकिन पूरी तरह छुटकारा तब ही मिलता है जब तनाव से मुक्ति मिलती है।
‘तनाव’ आजकल हर दूसरे इंसान के जीवन का हिस्सा बना चुका है। इस आधुनिक जगत में जहां हर कोई सफल होने की और दूसरे से आगे होने की कोशिश करता रहता है, वहां तनाव का होना सामान्य-सी बात है। लेकिन तनाव अपने आप में एक सामान्य बात नहीं है।
हर दूसरा इंसान है पीड़ित
ये कैसे धीरे-धीरे हमारे जीवन को प्रभावित करता है हम समझ भी नहीं पाते। अकसर लोग यह समझने की भूल कर बैठते हैं कि अन्य बीमारियों की तरह ही तनाव भी जब हमारे ऊपर हावी होगा तो हमारा शरीर अपने आप हमें सूचित कर देगा।
तनाव एक शारीरिक नहीं, वरन् मानसिक परेशानी है। जिसे निम्न संकेतों के माध्यम से पहचाना जा सकता है।
बार बार भूलना
तनाव जब जीवन में हद से ज्यादा बढ़ जाता है तो हमारा शरीर और दिमाग हमें ऐसे कई संकेत देता है, जो हम नजरअंदाज कर देते हैं। जिसमें से पहला है ‘बार-बार भूलना’। स्टैंफार्ड के एक शोधकर्ता द्वारा की गई शोध के अनुसार जब एक व्यक्ति तनाव का शिकार हो जाता है, तो इसका सबसे अधिक दिमाग के उन तत्वों को पहुंचता है जो नई यादें बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसलिए तनाव से ग्रस्त लोग कुछ घंटे पहले ही रखे व्यक्ति का नाम भूल जाते हैं, एक घंते पहले कौन सी वस्तु कहां रखी थी भूल जाते हैं, 10 मिनट पहले कुछ करने जा रहे थे वे भूल जाते हैं, 1 मिनट पहले ही किसी से बात करने का विचार बनाया था लेकिन उसे क्या कहना था वो ही भूल जाते हैं।
वजन में आश्चर्यजनक बदलाव आना
तनाव के कारण किसका वजन बढ़ेगा और किसका घटेगा, यह तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन एक बड़ा बदलाव जरूर आता है। यह शारीरिक हार्मोन पर निर्भर करता है। कई लोग तनाव में आकर अधिक संख्या में वजन खो देते हैं, वहीं दूसरी ओर कई लोग स्ट्रेस के कारण अधिक खाना खाने लगते हैं जो वजन को बढ़ा दता है। इसे साइंस की भाषा में ‘स्ट्रेस ईटिंग जीन’ कहा जाता है, जिसके शरीर में आने से वह व्यक्ति जरूरत से अधिक भोजन करने लगता है। गलत समय पर भोजन करना, हर थोड़ी देर में खाना और जो मिले उसे अधिक मात्रा में खाना, इसी स्ट्रेस ईटिंग जीन की वजह से होता है।
पाचन तंत्र में परेशानी
जिन लोगों को बचपन से ही पाचन संबंधी समस्याएं रही हैं वे शायद तनाव की इस गुत्थी को सुलझाने में असमर्थ रहें, लेकिन अचानक से जो लोग इस परेशानी की चपेट में आ गए हैं उन्हें इस संकेत को इग्नोर नहीं करना चाहिए।
तनाव के कारण पाचन तंत्र के हर हिस्से को चोट पहुंचती है। इस हिस्से में कमजोरी आने लगती है। तनाव के अधिक हो जाने से ‘एसिड’ बनता है, जो पाचन शक्ति को और भी कमजोर कर देता है। यह व्यक्ति की भूख तक कम कर सकता है। मुंह का स्वाद बिगड़ने लगता है।
बालों का झड़ना
बालों का झड़ना काफी सामान्य बात है, लेकिन बालों का अधिक झड़ना और ग्रोथ के नाम पर कुछ भी नहीं, ऐसा हो तो नजरअंदाज ना करें। कई बार अधिक दवाओं का सेवन करने से भी बाल काफी झड़ने लगते हैं, लेकिन बिना किसी ठोस कारण के बालों का झड़ना चिंताजनक बात है।
त्वचा संबंधी तकलीफें
यह एक संकेत हैं जो अमूमन सभी के साथ घटित नहीं होता है, लेकिन अचानक किसी स्किन प्राब्लम का होना तनाव को दर्शाता है। यदि कोई व्यक्ति पहले से ही किसी त्वचा संबंधी परेशानी की चपेट में है, लेकिन साथ ही अधिक तनाव का भी शिकार है, तो उसकी इस स्किन प्राब्लम का बढ़ जाना तय है।
सिरदर्द
तनाव के कारण सिरदर्द का होना सामान्य देखा गया है, लेकिन इसका हर दूसरे दिन होना अधिक तनाव को दर्शाता है। माथे की वे नसें जो गर्दन की ओर आती हैं, इन्हीं नसों में सबसे ज्यादा परेशानी होती है।
सिरदर्द
छोटी-छोटी आवाजों से चिड़चिड़ाहट होना, नींद में दिक्कत आना, हर बात पर चिड़चिड़ापन, ते सब तनाव की निशानियां हैं जो सिरदर्द को भी न्यौता देती हैं।
बार-बार बीमार पड़ना
एक शोध के अनुसार तनाव व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को कमजोर बना देता है, फलस्वरूप बार-बार बीमार पड़ना सामान्य बात बन जाती है। इन बीमारियों से बचने के लिए कितना भी इलाज करा लें, लेकिन पूरी तरह छुटकारा तब ही मिलता है जब तनाव से मुक्ति मिलती है।
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