Hindi, asked by sam525178, 1 year ago

anuched on Vigyapan Ki Duniya​

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hey .....

विश्‍व फलक पर आज विज्ञापन का जो बहुआयामी स्वरूप विकसित हुआ है, उसके पीछे विज्ञापन के विकास की एक लंबी कहानी है। विज्ञापन एक प्रकार का संप्रेषण है, जो संदेश ग्रहणकर्ता पर संदेश की प्रभावी प्रतिक्रिया से प्रेरित होता है।

आज मानव सभ्यता उच्च प्रौद्योगिकी के ऐसे दौर में प्रवेश कर चुकी है, जहाँ पर अंतरराष्‍ट्रीय सीमाएँ कोई मायने नहीं रखतीं। समूचा विश्‍व एक ‘ग्लोबल विलेज’ की अवधारणा में एक नई विश्‍व-व्यवस्था स्थापित करने में संलग्न है। इस भूमंडलीय युग में अंतरराष्‍ट्रीय व्यापार के क्षेत्रों में बड़ी तेजी से बदलाव आया है।

भूमंडलीकरण के दौर में विकसित देशों ने विकासशील देशों के बाजार पर अपना प्रभुत्व जमाने के लिए उपभोक्‍तावादी संस्कृति को जिस तरह से विस्तृत किया है, उससे यदि किसी क्षेत्र को फायदा मिला है, तो वह विज्ञापन का क्षेत्र ही है।

कैरियर की दृष्‍टि से विज्ञापन का क्षेत्र आज की युवा पीढ़ी को सर्वाधिक आकर्षित कर रहा है। रचनात्मक संप्रेषण कला से संपन्न व्यक्‍ति के लिए इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएँ हैं। इन सब चीजों को देखते हुए उच्च शिक्षा को रोजगार से जोड़ते हुए राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय स्तर पर विश्‍वविद्यालयों में एडवरटाइजिंग के पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

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