Hindi, asked by dishugujjar88, 28 days ago

anuchhed on football match romanchak in hindi​

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Answered by LiarHeart
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बालक खेल-खेल में ही बहुत कुछ सीख जाता है और उसका चहुमुँखी विकास होने लगता है । जिस प्रकार किसी वृक्ष को रोपते समय अच्छी खाद, जलवायु तथा सुन्दर भूमि की आवश्यकता पड़ती है, ठीक वैसे ही बालक के लघु शरीर के विकास में क्रीड़ाओं का अधिक योग होता है । विशेषकर उसकी छात्रावस्था में । यह स्वर्णिम अवसर होता है जब छात्र अनुशासित ढंग से अपने अध्यापकों के निरीक्षण में खेलों को खेलता है और भ्रातृत्व की भावना का संचार करता है ।

भारत में तथा अन्य राष्ट्रों में फुटबॉल, बॉलीबाल, टेनिस, हॉकी, क्रिकेट, टेबिल टेनिस, कबड्‌डी और घुड़सवारी आदि खेल हैं जो मस्तिष्क को प्रसन्नचित एव ताजा रखते हैं । इसके साथ ही कुछ खेल मनोरंजन के साथ-साथ कुछ बुद्धि का विकास भी करते हैं, ऐसे खेलों में शतरंज चौपड़, ताश व कैरम की गणना होती है ।

समस्त खेलों में पर्याप्त शारीरिक पुष्टि करने वाला फुटबॉल का खेल मुझे बड़ा प्रिय है । इस खेल को खेलने के लिए पर्याप्त क्षेत्र मिलता है । दौड़ का पूर्ण आह्वाद इस खेल में प्राप्त होता है । इस खेल के लिए क्रीड़ा क्षेत्र की लम्बाई 100 मीटर से 130 मीटर तक और चौड़ाई 50 से 1000 मी. तक होती है ।

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