Anuchhed on tinke ke mahatva
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तिनके पर अनुच्छेद
तिनके का भी अपना महत्व होता है। तिनके का कभी भी अपमान नहीं करना चाहिए। तिनका कमजोर वर्ग का प्रतीक है, लेकिन यही कमजोर वर्ग जब अपनी ठान लेता है, तो वह समर्थ होने पर सब कुछ कर सकता है। वो अपने साथ किए गए अपमान का बदला जरूर लेना चाहेगा। तिनका को यदि हवा का साथ मिल जाए तो यही तिनका आंख में पढ़कर आंखों को बहुत कष्ट पहुंचा सकता है।
कहते हैं कि डूबते को तिनके का सहारा होता है यही तिनका डूबते समय सहारा बनकर डूबने से बचा सकता है। तिनके से आशय कमजोर प्राणी से है। कभी भी किसी को कमजोर नहीं समझना चाहिए। कोई भी किसी समय कभी भी काम आ सकता है। हर व्यक्ति, वस्तु या संसार के किसी भी तत्व का अपना महत्व होता है। इसलिए किसी का अपमान करना या किसी को कमजोर समझना इंसानियत नहीं है। ना ही ये समझदारी का परिचायक है।
Answer:
एक तिनके का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है। तिनके के महत्व को एक चिड़िया की कहानी द्वारा समझा जा सकता है। एक बार एक चिड़िया थी जो रोजाना एक एक तिनका अपनी चोंच में दबाकर ले जाती थी।
चिड़िया को ऐसा करते देख कई लोग बहुत बेचैन थे कि चिड़िया आखिर इस दिन के का करती क्या है?
जब चिड़िया एक दिन अपनी चोंच में तिनका दबाकर ले जा रही थी तो एक बच्चे ने उसका पीछा किया। बच्चे ने पाया कि चिड़िया ने 113 के से अपना एक बड़ा सुंदर घोसला एक पेड़ पर बनाया था। जब उसने गांव वालों को यह बात बताई तो सब हैरान रह गए।
और लोगों ने उस चिड़िया से यह सीख ली कि हम तिनका तिनका जोड़ कर अपने एक महल बना सकते हैं। तिनके के लिए एक बहुत प्रसिद्ध कहावत भी है कि डूबते को तिनके का सहारा अर्थात यदि कोई व्यक्ति बहुत मुसीबत में है तो उसे थोड़ा सा 3 का मान सहारा भी कभी-कभी बहुत मदद कर देता है। इसीलिए कहा जाता है कि तिनके का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है।