Anuchyed likhye
Plastic ki duniya -kirkshim padarth proyag .....gun-avgun... haniya zimedari
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आज प्लास्टिक से मनुष्य का गहरा संबंध हो गया है। प्लास्टिक के बर्तन, प्लास्टिक के खिलौने, प्लास्टिक की वाशिंग मशीन, फ्रिज, कंप्यूटर, मोबाइल फ़ोन आदि अनेक वस्तुएँ हैं जिनका हम प्रतिदिन इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त प्लास्टिक की थैली का चलन तो आजकल बहुत हो रहा है। हम बाजार से कोई चीज खरीदने जाते। हैं, चाहे वह सब्जी हो, दुध हो, दही हो, दाल हो- सब कुछ हमें प्लास्टिक की थैली में ही मिलता है जिसमें दूध, ब्रेड आदि तो पहले से ही प्लास्टिक की थैली में पैक होते हैं। हालाँकि सरकार प्लास्टिक की थैली के इस्तेमाल पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगा देना चाहती है परंतु वह अपने इस प्रयास में अभी तक पूर्णतः सफल नहीं हो पाई है। वैसे अपने हित के बारे में तो सबको सोचने का अधिकार है और हमारा सबका हित इसी में है कि हम कम से कम रंगीन थैलियों का इस्तेमाल करें क्योंकि प्लास्टिक की ये रंगीन थैलियाँ प्रयोग की गई थैलियों से बनाई जाती हैं इसलिए ये अत्यधिक विषैली और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होती हैं। इसी प्रकार प्लास्टिक के रंगीन खिलौने छोटे बच्चों के लिए अत्यंत हानिकारक होते हैं, क्योंकि वे उन खिलौनों को हमेशा अपने मुँह में डालते रहते हैं। निष्कर्षतः यदि हम प्लास्टिक की वस्तुओं का इस्तेमाल पूर्ण रूप से बंद नहीं कर सकते तो अपने स्वास्थ्य को दृष्टि में रखते हुए हम प्लास्टिक का प्रयोग कम अवश्य कर सकते हैं।
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सुबह उठने से लेकर देर रात सोने तक हम जिन वस्तुओ का उपयोग करते है,उन वस्तुओ में ज्यादातर सभी प्लास्टिक की बनी होती है|विज्ञान के चमत्कारों से हम सभी भली-भांति परिचित है|विज्ञान ने ही अनेक कृत्रिम धातुओं,पदार्थो तथा तत्वों का निर्माण किया है,जिसमे से प्लास्टिक एक है|प्लास्टिक आज के संसार का महत्वपूर्ण पदार्थ है|या यूँ कह सकते है आज का युग प्लास्टिक का युग है|सुबह के टूथब्रश से लेकर हमारी स्कूटर,कार की बाड़ी तक हर जगह प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है|आज बच्चों के खिलौने,क्राकरी,फर्नीचर,आदि
सभी में प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है|आज प्लास्टिक के बिना मानव जीवन असंभव सा प्रतीत होता है|इसके उपयोग का विशेष कारण है,इसका तापरोधक होना,आवाज कम करना व किसी भी फ्रेम में आसानी से ढल जाना तथा इसे पिघलाकर इसमें विशेष रंग भर सकते है,साथ ही साथ यह वाटरप्रूफ भी होती है|मजबूती में यह पत्थर और स्टील की तरह मजबूत होती है|तथा लचक में रबर जैसी लचीली होती है|इसमें दीमक और जंग भी नही लगती है और हम सभी को बाजार में इससे बने हुए सामान काफी सस्ते में मिल जाते है|
प्लास्टिक का प्रयोग परिधानों,वस्त्रों,घर व रेस्त्रां में उसे रंग-बिरंगा एवं सुन्दर बनाने में भी किया जाता है|जब बात हम प्लास्टिक की करते है,तो भारत वर्ष में आई० पी० सी० एल० नामक संस्था का योगदान महत्वपूर्ण है|आई० पी० सी० एल० से प्लास्टिक संसार में जो क्रांति आई उसका श्रेय जाता है,आई० पी० सी० एल० के चेयर मैन तथा एम० डी० डॉ० वर्धराजन को,उन्होंने प्लास्टिक के संसार में ऐसी क्रांति उत्पन्न की,भारत वर्ष में उनका नाम हमेशा इस क्षेत्र से जुड़ा रहेगा|प्लास्टिक में सहस्त्रों गुण है लेकिन उसका एक दुर्गुण काफी खतनाक है, प्लास्टिक का कभी मिट्टी न बन पाना और पञ्चमहाभूतों से बना ये संसार और इस संसार की कोई भी वस्तु अन्ततः मिट्टी में नही मिल पाती तो वह धरती के लिए खतरा बन जाती है|प्लास्टिक के दुरपयोग से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है इसका सबसे विकृत रूप पोलीथीन बैग के रूप में दिखाई देता है| माता कही जाने वाली गाय प्लास्टिक में फेके गये अन्न एवं छिलकों को बैग सहित खा जाती है|गायों की जब मृत्यु होती है,उनके पेट से प्लास्टिक बैग की ये पोटलियाँ निकलती है|प्लास्टिक यदि संसार के लिए लाभकारी है तो हमें यह भी याद रखना चाहिये कि हम इसका उपयोग कैसे करे, नहीं तो भस्मासुर वाली कहावट सिद्ध हो सकती है।
आशा है कि यह आपकी मदद करता है ❣️