Hindi, asked by rajeshbhatt4734, 11 months ago

anushasan ki upayogita par bhashan​

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Answered by vedahenis
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अनुशासन का जीवन में विशेष महत्व है समस्त प्रकृति एक अनुशासन में बनकर चलती है इसलिए उसके किसी भी क्रियाकलापों में बाधा नहीं आती है दिन – रात नियमित रूप से आते रहते हैं इससे स्पष्ट है कि अनुशासन के द्वारा ही जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है अनुशासन से भटक जाने पर व्यक्ति चरित्रहीन ,दुराचारी तथा निंदनीय हो जाता है समाज में उसका कोई सम्मान नहीं रहता अनुशासन का मतलब ही है किसी भी कार्य को अनुशासित रहते हुए करना सफलता भी तभी प्राप्त होती है जब व्यक्ति अनुशासित रहता है।

फ्रीड्रिक फ्रोबेल ने लिखा है:- फ्रोबेल ने दमनात्मक अनुशासन का विरोध किया और कहा कि आत्मानुशासन या स्वानुशासन ही सबसे अच्छा अनुशासन होता है। इसलिए बालकों को आत्म क्रिया करने की पूर्ण स्वतन्त्रता मिलनी चाहिए, जिससे बालक में स्वयं ही अनुशासन में रहने की आदत पड़ जाय। फ्रोबेल के अनुसार बालक के साथ प्रेम एवं सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करना चाहिए तथा उसे आत्मक्रिया करने का पूर्ण अवसर प्रदान करना चाहिए।।

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