anuswaar and anunasik of svaad
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1.अनुनासिक स्वरों के उच्चारण में नाक से भी हवा निकलती है। जैसे - आँ, ऊँ, एँ, माँ, आएँ आदि में।
2.चन्द्रबिंदु के बिना प्रायः अर्थ में भ्रम की स्थिति रहती है। जैसे - हंस - हँस, अंगना - अँगना, स्वांग (स्व+अंग) - स्वाँग आदि में।
2.चन्द्रबिंदु के बिना प्रायः अर्थ में भ्रम की स्थिति रहती है। जैसे - हंस - हँस, अंगना - अँगना, स्वांग (स्व+अंग) - स्वाँग आदि में।
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