anuswar and anunasik exercises
Answers
Answered by
87
जिस वर्ण का स्वर के बाद उच्चारण होता है उसे अनुस्वार कहते हैं। इसकी ध्वनि की उत्पत्ति नाक से होती है। इसे बिंदु ( ं ) के रूप में लिखा जाता है। जैसे हंस, चंचल, अंतर, रंग, नंदन, जंगल, अंगूर, झंडा, लंगूर, चंदन, वंदन, सुंदर, मंगल, डंडा, बंधन, कंकड़, बंदर, ठंडा आदि।
वह ध्वनियाँ जिनको बोलते समय या उच्चारण करते समय नाक और मुँह दोनों से हवा निकलती है उन्हें अनुनासिक ध्वनियाँ कहते हैं। अनुनासिक शब्दों में चन्द्रबिन्दु ( ँ ) का प्रयोग किया जाता है। जैसे आँखें, हँसना, बूँद आदि।
Similar questions