Anuvanshik abhiyatri kya hai Iske Manav Jivan par koi 3 Prabhav mahatva
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I have to go to the doctors to
Explanation:
वैज्ञानिकों द्वारा DNA या आनुवंशिक पदार्थ को संरचना में आवश्यकतानुसार हेर- फेर करने को जोन मैनीपुलेशन या जेनेटिक इन्जीनियरिंग कहते हैं। आनुवंशिक पदार्थ का कृत्रिम संश्लेषण दो अलग-अलग जोनों के DNA खण्डों को जोड़कर नया DNA बनाना, DNA की मरम्मत, DNA से कुछ न्यूक्लियोटाइड को हटाकर या जोड़कर या विस्थापित करके इच्छित संरचना वाले नये DNA अणुओं का संश्लेषण करके जीन क्रिया का नियन्त्रण करना तथा जीवधारियों में इच्छित गुणों का समावेश करना जेनेटिक इन्जीनियरिंग का मुख्य उद्देश्य है। आनुवंशिकी की यह शाखा अभी अपने शैशव काल में है। उम्मीद की जाती है कि इस विधि के द्वारा आनुवंशिक वैज्ञानिक जीन की संरचना में सुधार करके अथवा विकृत जीन को सामाऱ्य जीन द्वारा विस्थापित करके आनुवंशिक रोगों से मानव जाति को मुक्ति दिला सकेंगे अथवा मानव द्वारा उपयोग में आने वाले पादपों व जन्तुओं को नस्लों का सुधार कर सकेंगे। आनुवंशिक पदार्थ के संगठन में हेर फेर, DNA की संरचना का ज्ञान एक अत्याधुनिक तकनाक के विकास के कारण सम्भव हो सकता है। इनको रिकॉम्बिनेन्ट DNA तकनीकी कहते आनुवंशिक अभियांत्रिकी का मानव जीवन में महत्व- <br> 1. औद्योगिक उपयोग-उच्च वर्गों के जीवों के विटामिन प्रतिजैविक या हॉर्मोन के जीन को कोड करके तथा इनके संश्लेषित DNA को जीवाणुओं में पुनः स्थापित करके विटामिन्स, हॉर्मोन्स आदि यौगिकों का औद्योगिक स्तर पर संश्लेषण किया जाना सम्भव हुआ है। इस विधि से मानव इन्सुलिन का Humulin नाम से जैव-संश्लेषण किया गया है| <br>