Any 10 example of shlesh alankar?
Pratyushnagpure:
I want some more example
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1 रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून।
पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।।
2 जे रहीम गति दीप की, कुल कपूत गति सोय ।बारे उजियारो करै, बढ़े अंघेरो होय।
3 चिरजीवो जोरी जुरे क्यों न सनेह गंभीर।
को घटि ये वृष भानुजा, वे हलधर के बीर।।
4 को तुम हौ इत आये कहाँ घनस्याम हौ तौ कितहूँ बरसो |
चितचोर कहावत है हम तौ तहां जाहुं जहाँ धन सरसों ||
5 पानी गये न ऊबरे, मोती मानुष चून।
पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।।
2 जे रहीम गति दीप की, कुल कपूत गति सोय ।बारे उजियारो करै, बढ़े अंघेरो होय।
3 चिरजीवो जोरी जुरे क्यों न सनेह गंभीर।
को घटि ये वृष भानुजा, वे हलधर के बीर।।
4 को तुम हौ इत आये कहाँ घनस्याम हौ तौ कितहूँ बरसो |
चितचोर कहावत है हम तौ तहां जाहुं जहाँ धन सरसों ||
5 पानी गये न ऊबरे, मोती मानुष चून।
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रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून।
पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।।
यहाँ पानी का प्रयोग तीन बार किया गया है, किन्तु दूसरी पंक्ति में प्रयुक्त पानी शब्द के तीन अर्थ हैं - मोती के सन्दर्भ में पानी का अर्थ चमक या कान्ति मनुष्य के सन्दर्भ में पानी का अर्थ इज्जत (सम्मान) चूने के सन्दर्भ में पानी का अर्थ साधारण पानी(जल) है।
पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।।
यहाँ पानी का प्रयोग तीन बार किया गया है, किन्तु दूसरी पंक्ति में प्रयुक्त पानी शब्द के तीन अर्थ हैं - मोती के सन्दर्भ में पानी का अर्थ चमक या कान्ति मनुष्य के सन्दर्भ में पानी का अर्थ इज्जत (सम्मान) चूने के सन्दर्भ में पानी का अर्थ साधारण पानी(जल) है।
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