ANY HINDI BOOK REVIEW
pls answer fast
Answers
Answer:
हम एक ऐसे दौर में हैं, जहां पढ़ना कम होता जा रहा है. कारण, हमें पढ़ने की नहीं देखने की आदत पड़ गई है. मनोरंजन के स्पेस में स्क्रीन की तगड़ी घुसपैठ हो गई है. हालांकि किताबों को अब भी बेस्ट फ्रेंड कहा जाता है, पर सच तो यह है कि किताबें तभी बेस्ट फ्रेंड बन पाएंगी, जब पाठक उन्हें पढ़ेंगे. उनकी ओर आकर्षित होंगे. ऐसे में लेखकों और प्रकाशकों के सामने चुनौती है, अपने पाठकों की रुचि किताबों में बनाए रखने की. और इसके लिए नए प्रयोग करने होंगे. हाल ही में टीजीआईबीटी प्रेस से प्रकाशित हुई लेखिका नीता बाज़ोरीया की कहानियों की किताब अर्बन क्रॉनिकल्स एक ऐसा ही एक्सपेरिमेंट है, जिसपर बात होनी चाहिए. नाम से ही ज़ाहिर है, यह शहरी पृष्ठभूमि पर बुनी हुई कहानियां हैं. शहरी महिलाओं की ज़िंदगी, उनकी सोच, उनके सपनों और उनकी आकांक्षाओं को बयां करती तीन छोटी-छोटी कहानियों का यह संकलन अपने प्रस्तुतिकरण के चलते अनूठा बन गया है.
जैसा कि हम पहले ही कह चुके हैं, लोगों को अब देखने की आदत पड़ गई है तो इस संकलन की कहानियों को प्रस्तुत करने के लिए शब्दों के साथ-साथ ख़ूबसूरत ग्रैफ़िक्स की भी मदद ली गई है. संग्रह में बालकनी, ख़ुशबू और श्रीमती रामाचंद्रन ये तीन कहानियां हैं. जहां बालकनी में एक महिला अपने रोज़मर्रा के काम करते हुए अपने आस-पड़ोस में रहने आए नए लोगों की भी खोज-ख़बर रखती है, वहीं ख़ुशबू एक पति-पत्नी के बीच पैदा हुई ग़लतफ़हमी पर आधारित है. श्रीमती रामाचंद्रन को शहरी महिलाओं की आपसी गप्पबाज़ी यानी गॉसिप्स को आधार बनाया गया है. तीनों कहानियां वैसे तो हैं छोटीं, पर तीनों में ही आगे क्या हुआ वाली रोचकता बनी रहती है. चूंकि इस कहानी संग्रह में शब्दों के साथ-साथ चित्र भी हैं तो, पढ़ने का मज़ा दोगुना हो जाता है. यदि आप पढ़ाकू क़िस्म के हैं तो आपको एक बात अखर सकती है कि किताब कितनी जल्दी ख़त्म हो गई. वहीं रीडिंग की शुरुआत करनेवालों के लिए अर्बन क्रॉनिकल्स अच्छी स्टार्टर साबित हो सकती है.
अब इस किताब के कुछ उन पहलुओं पर बात कर लेते हैं, जिनपर ध्यान देकर इसे और बेहतर बनाया जा सकता था. सबसे पहले तो कहानियों को थोड़ा और विस्तार दिया जा सकता था. जैसे ही पाठक कहानी के फ़्लो से मेल बिठाने लगता है, कहानी ख़त्म हो जाती है. इस पुस्तक के हिंदी संस्करण के अनुवाद पर थोड़ी और मेहनत करनी चाहिए थी, जिससे यह एक बेहतरीन किताब बन जाती. लेकिन इन कमियों को थोड़ी देर के लिए नज़रअंदाज़ कर दें तो तीन रोचक और चटपटी कहानियों से सजी यह नई पहल ज़रूर सराही जानी चाहिए.
Explanation:
I hope it will be helpful