Hindi, asked by Tedybaby5896, 1 year ago

any one big poem of shailendra kumar kavi please?

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Answered by nidhi3828
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गीतों की गन्ध
कौन हवा उड़ा ले गयी,
बारुदी फसलों से-
खेत लहलहा गए।
अनजाने बादल,
मुंडेरों पर छा गए ।।

मर्यादा लक्ष्मण की
हम सबने तोड़ दी,
सोने के हिरनों से
गांठ नई जोड़ दी,

रावण के मायावी,
दृश्य हमें भा गए ।।

स्मृति की गलियों में,
कड़वाहट आई है,
बर्फीली घाटी की
झील बौखलाई है,

विष के संवादों के
परचम लहरा गए ।।

बुलबुल के गांव धूप
दबे पांव आती है,
बरसों से वर्दी में
ठिठुर दुबक जाती है,

अन्तस के पार तक
चिनार डबडबा गए ।।

टेसू की छाती पर
संगीनें आवारा,
पर्वत के मस्तक पर
लोहित है फव्वारा,

राजकुंवर सपनों में
हिचकोले खा गए ।।
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