India Languages, asked by lasya282, 1 month ago

Anyone got reference for ‘Kriya ke rup’ (Hindi)

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Answered by anganuradhadaimary
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Answer:

क्रिया का मूल रूप धातु कहलाता है। लिख, पढ़, जा, खा, गा, रो, आदि। इन्हीं धातुओं से लिखता, पढ़ता, आदि क्रियाएँ बनती हैं।

...

यौगिक धातु के उदाहरण :

उठाना, उठवाना, दिलाना, दिलवाना, कराना, करवाना

रोना-धोना, चलना-फिरना, खा-लेना, उठ-बैठना, उठ-जाना, खेलना-कूदना, आदि।

बतियाना, गरमाना चिकनाना।

Explanation:

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Answered by jainharshit639
0

Answer:

जिस शब्द के द्वारा किसी कार्य के करने या होने का बोध होता है उसे क्रिया कहते है।

जैसे- पढ़ना, खाना, पीना, जाना इत्यादि।

'क्रिया' का अर्थ होता है- करना। प्रत्येक भाषा के वाक्य में क्रिया का बहुत महत्त्व होता है। प्रत्येक वाक्य क्रिया से ही पूरा होता है। क्रिया किसी कार्य के करने या होने को दर्शाती है। क्रिया को करने वाला 'कर्ता' कहलाता है।

अली पुस्तक पढ़ रहा है।

बाहर बारिश हो रही है।

बाजार में बम फटा।

बच्चा पलंग से गिर गया।

उपर्युक्त वाक्यों में अली और बच्चा कर्ता हैं और उनके द्वारा जो कार्य किया जा रहा है या किया गया, वह क्रिया है; जैसे- पढ़ रहा है, गिर गया।

अन्य दो वाक्यों में क्रिया की नहीं गई है, बल्कि स्वतः हुई है। अतः इसमें कोई कर्ता प्रधान नहीं है।

वाक्य में क्रिया का इतना अधिक महत्त्व होता है कि कर्ता अथवा अन्य योजकों का प्रयोग न होने पर भी केवल क्रिया से ही वाक्य का अर्थ स्पष्ट हो जाता है; जैसे-

(1) पानी लाओ।

(2) चुपचाप बैठ जाओ।

(3) रुको।

(4) जाओ।

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