World Languages, asked by barsasatapathy774, 3 months ago

ନିଳ ସରସ୍ବତୀ ବନ୍ଦନା
anyone help me please ​

Answers

Answered by ladochand83
0

Explanation:

hyzD deep haal TTL ka all kal jab all as all so so so so so rooftop

Answered by Shivali2708
2

आज बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के एक स्वरूप जिसे नील सरस्वती भी कहा जाता है, की पूजा भी की जाती है। इस दिन नील सरस्वती की पूजा करने का भी विशेष महत्व है। हालांकि, यह बहुत ही कम लोग जानते हैं कि इस दिन मां नील-सरस्वती की पूजा करना बेहद फलदायी माना जाता है। नील सरस्वती देवी अपने भक्तों को धन, सुख, समृद्धि देती हैं। पुराणों के अनुसार, सरस्वती मां के नील स्वरूप को अगर सच्चे मन और पूरे विधि-विधान के साथ पूजा जाए व्यक्ति शत्रुओं को पराजित कर सकता है। इनके स्वरूप का वर्णन किया जाए तो इनका वर्ण नील है। इनकी 4 भुजाएं हैं। दो हाथों में वीणा है। इनकी पूजा करते समय इनका स्त्रोत और मंत्र जरूर पढ़ना चाहिए। आइए पढ़ते हैं नील सरस्वती का स्त्रोत और मंत्र।

नील सरस्वती स्त्रोत:

घोररूपे महारावे सर्वशत्रुभयंकरि।

भक्तेभ्यो वरदे देवि त्राहि मां शरणागतम्।।1।।

Similar questions