Anyone please share a speech in Hindi on any topic urgently and I will mark brainliest
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Explanation:
हिंदी केवल एक भाषा ही नहीं बल्कि भावनाओं का उमड़ता सैलाब है, जो हर दिन सफलता के नए सोपान गढ़ रही है और एक नदी की मानिंद आगे बढ़ रही है। देश में करीब 77 प्रतिशत लोग हिंदी बोलते हैं। यही कारण है कि हिंदी को राज भाषा का दर्जा प्राप्त है। बता दें कि 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा द्वारा आजाद भारत की मुख्य भाषा के रूप में हिंदी को पहचान दी गई थी। साल 1952 में पहली बार हिंदी दिवस का आयोजन हुआ था। तब से ये सिलसिला लगातार बना हुआ है।सरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में 15 दिनों तक हिंदी पखवाड़ा मनाया जाता है। इस दौरान सभी कार्य हिंदी में किये जाते हैं, साथ ही कई साहित्यिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं भी कराई जाती हैं। इस बार कोरोना काल में कई जगह इन कार्यक्रमों को ऑनलाइन आयोजित कराया जा रहा है। ऐसे में अगर आपको भी भाषण या निबंध के लिए कंटेंट की जरूरत है, तो यहां से मदद ले सकते हैं।राष्ट्रीय खेल ऑटो व्यापार मनोरंजन फोटो आस्था
सरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में अगले 15 दिनों तक हिंदी पखवाड़ा मनाया जाता है।
हिंदी केवल एक भाषा ही नहीं बल्कि भावनाओं का उमड़ता सैलाब है, जो हर दिन सफलता के नए सोपान गढ़ रही है और एक नदी की मानिंद आगे बढ़ रही है। देश में करीब 77 प्रतिशत लोग हिंदी बोलते हैं। यही कारण है कि हिंदी को राज भाषा का दर्जा प्राप्त है। बता दें कि 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा द्वारा आजाद भारत की मुख्य भाषा के रूप में हिंदी को पहचान दी गई थी। साल 1952 में पहली बार हिंदी दिवस का आयोजन हुआ था। तब से ये सिलसिला लगातार बना हुआ है।
सरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में 15 दिनों तक हिंदी पखवाड़ा मनाया जाता है। इस दौरान सभी कार्य हिंदी में किये जाते हैं, साथ ही कई साहित्यिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं भी कराई जाती हैं। इस बार कोरोना काल में कई जगह इन कार्यक्रमों को ऑनलाइन आयोजित कराया जा रहा है। ऐसे में अगर आपको भी भाषण या निबंध के लिए कंटेंट की जरूरत है, तो यहां से मदद ले सकते
हिंदी भाषा को देवनागरी लिपि में भारत की कार्यकारी और राजभाषा का दर्जा आधिकारिक रूप में दिया गया। गांधी जी ने हिंदी भाषा को जनमानस की भाषा भी कहा है। भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की धारा 343 (1) में हिंदी को संघ की राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। हिंदी दिवस यानी 14 सितंबर वह दिन है जब हम सब अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी का प्रचार और प्रसार करते हैं।
हिंदी पूरी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली मूल भाषा है। 2011 की सेन्सस रिपोर्ट के अनुसार भारत की सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा हिंदी है। हिंदी का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना है और भारत में 1949 से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।
Speech 2: सभी को मेरा नमस्कार! हिंदी दिवस के अवसर पर मैं कुछ विचार प्रस्तुत करना चाहता/चाहती हूं।
हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। अंग्रेजी, स्पेनिश और मंदारिन के बाद हिंदी दुनिया में चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी दिवस पर हर साल, भारत के राष्ट्रपति दिल्ली में एक समारोह में, हिंदी भाषा में अतुलनीय योगदान के लिए लोगों को राजभाषा पुरस्कार से सम्मानित करते हैं। भारत में हिंदी एक मात्र ऐसी भाषा है, जिसे सबसे अधिक बोला, लिखा व पढ़ा जाता है।
पर आज के समय में युवाओं को अपनी इस भाषा को बोलने में शर्मिंदगी होती है, जो कि सही नहीं है। कई साहित्यकारों ने अपनी बातें कहने के लिए हिंदी को चुना क्योंकि केवल शब्द ही नहीं बल्कि इसके भाव भी लोगों के दिल को छूते हैं। ये मेरा आग्रह है कि बोलचाल और लिखते वक्त हिंदी का इस्तेमाल अधिक से अधिक हो।
Hope it helps
Answer:
Here's a story written in Hindi
नंदन वन में एक नन्हीं चिड़िया रहती थी जिसके दो मुँह थे। दो मुँह होने के कारण वह चिड़िया दूसरे पछियों से बिल्कुल विचित्र दिखती थी। वह चिड़िया एक बरगद के पेड़ पर घौंसला बना कर रहती थी।
एक दिन वह चिड़िया जंगल में भोजन की तलाश में इधर उधर उड़ रही थी। अचानक चिड़िया के दायें वाले मुँह की नजर एक लाल फल पर पड़ी। देखते ही उसके मुँह में पानी आ गया और वह तेजी से वो लाल फल खाने को आगे बढ़ी।
अब चिड़िया का दायाँ मुँह बड़े स्वाद से वो फल खा रहा था। बायाँ मुँह बेचारा बार बार दाएं मुंह की तरफ देख रहा था कि ये मुझे भी खाने को दे लेकिन दायाँ वाला चुपचाप मस्ती से फल खाये जा रहा था।
अब बाएँ मुँह ने दाएँ वाले से प्रार्थना की, कि थोड़ा सा फल खाने को मुझे भी दे दो तो इसपर दाएं मुंह ने गुस्सा दिखाते हुए कहा – कि हम दोनों का पेट एक ही है। अगर मैं खाऊँगा तो वो हमारे पेट में ही जायेगा। लेकिन उसने बाएं वाले को कुछ खाने को नहीं दिया।
अगले दिन चिड़िया फिर से जंगल में खाने की तलाश में उड़ रही थी। तभी बाएं मुँह की नजर एक अदभुत फल पर पड़ी जो बहुत चमकीला था। वह तेजी से उस फल की तरफ लपका। अब जैसे ही वो फल खाने को हुआ तुरंत पास बैठे एक कौए ने चेतावनी दी कि इस फल को मत खाओ ये बहुत जहरीला है।
ये सुनकर दायाँ मुंह भी चौंका और बाएं से प्रार्थना की कि इस फल को मत खाओ ये हमारे लिए बहुत खतरनाक साबित होगा लेकिन बाएं मुंह को तो दाएं से बदला लेना था।
उसने एक ना सुनी और चुपचाप वह फल खाने लगा। कुछ ही देर में चिड़िया का शरीर मृत होकर जमीन पर गिर पड़ा।
दोस्तों कहानी सुनने में तो आनंद आया होगा लेकिन जब मैं आपको इसकी शिक्षा बताऊंगा तो आपकी आँखे फटी रह जाएँगी। आजकल के माहौल में देखा जाता है कि एक ही परिवार के लोग एक दूसरे से ईर्ष्या करते हैं, एक दूसरे से दुश्मनी रखते हैं। लेकिन जब भी वह एक दूसरे को नुकसान पहुँचाने का सोचते हैं या एक दूसरे से बदला लेने का सोचते हैं तो नुकसान पूरे परिवार का ही होता है। इसलिए एक दूसरे से मिल जुल कर रहें क्योंकि अगर परिवार का एक भी सदस्य गलत काम करे तो नुकसान पूरे परिवार का होता है। यही इस कहानी की शिक्षा है। धन्यवाद!!!!!
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भगवान उन्हीं लोगों की मदद करते हैं जो स्वयं की मदद करते हैं
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सफल और असफल लोगों में फर्क