History, asked by 276palak, 10 months ago

anyone tell me......
the summary of chapter 10 वाख in hindi क्षितिज class 9th

Answers

Answered by parthbilochi16
2

Answer:

here is summary or bhavarth for u

Explanation:

वाख – 1

रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही मैं नाव।

जाने कब सुन मेरी पुकार, करें देव भवसागर पार।

पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे।

जी में उठती रह-रह हूक,घर जाने की चाह है घेरे।।

वाख – 2

खा खा कर कुछ पाएगा नहीं,

न खाकर बनेगा अहंकारी।

सम खा तभी होगा समभावी,

खुलेगी साँकल बन्द द्वार की।

वाख – 3

आई सीधी राह से, गई न सीधी राह।

सुषुम-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह!

ज़ेब टटोली कौड़ी ना पाई।

माझी को दूँ, क्या उतराई ?

वाख – 4

थल थल में बसता है शिव ही,

भेद न कर क्या हिन्दू-मुसलमां।

ज्ञानी है तो स्वयं को जान,

यही है साहिब से पहचान।।

Similar questions