अपिे पररवेश ( पयाावरण ) में आए सकारात्मक(positive) / कारात्मक(Negative) बदलावों को कववता या ( or ) कहािी के रूप में प्रस्तुत (Min 1 pg) pls pls fast no gibbrish
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कोरोना वायरस का खतरा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। यही कारण है कि भारत में सरकार ने लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाने का फैसला किया है। यह कदम बेहद जरूरी है, लेकिन उन लोगों के लिए बहुत मुश्किल है, जिन्हें अब तक घर में बंध कर रहना पड़ा है। लोग हालात को समझ रहे हैं और लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं, लेकिन कहीं न कहीं इसका असर अब साइकोलॉजी पर पड़ने लगा है। यानी कोरोना वायरस की रोज-रोज की खबरें अब दिमाग पर असर डालने लगी हैं। कोरोना वायरस से बचाव के उपाय जितने जरूरी हैं, दिमाग को पॉजिटिव (सकारात्मक) रखना भी उतना ही जरूरी है। www.myupchar.com के अनुसार, मानसिक रूप से मजबूत बनना कोई कठिन काम नहीं है। छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना होता है। जहां समय मिले, दिमागी कसरत करना जरूरी है।
कोरोना वायरस की नकारात्मकता से खुद को ऐसे रखें दूर
दिनभर न्यूज न देखें : टीवी पर दिनभर कोरोना वायरस की खबरें न देखें। अमूमन टीवी पर कोरोना वायरस पॉजिटिव और इससे मरने वालों का आंकड़ा ही बताया जा रहा है। दिनभर ये ही आंकड़े देखने का दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए टीवी पर अन्य मनोरंजक कार्यक्रम भी देखें। परिवार के अन्य सदस्यों को भी बताएं कि कोरोना वायरस पीड़ितों की संख्या बार-बार देखना जरूरी नहीं है। यह क्रिकेट मैच का स्कोर नहीं है।