Hindi, asked by sharmakrrish, 2 months ago

अपूर्वः कोऽपि कोशोऽयं विद्यते तव भारति।
व्ययतः वृद्धिमायाति, क्षयमायाति सञ्चयात्।। anuvad in hindi​

Answers

Answered by gunjanpawar
14

हे सरस्वती ! तुम्हारा यह खजाना अद्भुत है, जो व्यय करने से बढता है और संग्रह करने से घटता है

Similar questions