अपि स्वर्णमयी लङ्का न मे लक्ष्मण रोचते ।
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी ॥संस्कृत में इसका वर्णन कीजिए हिंदी में
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जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी ॥ हिन्दी अनुवाद : "मित्र, धन्य, धान्य आदि का संसार में बहुत अधिक सम्मान है। (किन्तु) माता और मातृभूमि का स्थान स्वर्ग से भी ऊपर है।" अपि स्वर्णमयी लङ्का न मे लक्ष्मण रोचते ।
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