Science, asked by ritesabaraskara, 3 days ago

अपघटन या वियोजन से क्या समझते हो​

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Answered by ritikpathak818
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अपघटन एक प्रकार की रासायनिक अभिक्रिया होती है। इसे ऐसी अभिक्रिया के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसमें एकल यौगिक (कंपाउंड) उपयुक्त परिस्थितियों के अधीन दो या दो से ज्यादा सरल पदार्थों में टूट जाता है। यह संयुक्त अभिक्रिया (काम्बीनेशन रिएक्शन) के बिल्कुाल विपरीत होती है।

उदाहरण के लिए: हमारे शरीर में भोजन का पाचन अनेक अपघटन अभिक्रियाओं (डिकम्पोजीशन रिएक्शन)से जुड़ा होता है। कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन आदि जैसे हमारे भोजन के प्रमुख घटक सरल पदार्थ बनाने के लिए टूट जाते हैं। ये पदार्थ आगे चलकर फिर अभिक्रिया करते हैं और बड़ी मात्रा में ऊर्जा मुक्त करते हैं। इससे हमारा शरीर सक्रिय रहता है।

अपघटन अभिक्रिया (डिकम्पोजीशन रिएक्शन) का वर्णन करने वाला सामान्य समीकरण (इक्वेकशन) है:

अपघटन अभिक्रिया (डिकम्पोजीशन रिएक्शन) को तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

1. तापीय अपघटन अभिक्रिया (थर्मल डिकम्पोजीशन रिएक्शन) (थर्मोलाईसिस)

इस रासायनिक अभिक्रिया में सरल पदार्थ जब गर्म किया जाता है तो दो या दो से ज्यादा पदार्थों में टूट जाता है। यह अभिक्रिया आम तौर पर उष्माशोषी (एन्डोथर्मिक) होती है क्योंकि पदार्थ में मौजूद बांड तोड़ने के लिए उष्मा की जरूरत होती है।

कैल्शियम कार्बोनेट का अपघटन (डिकम्पोजीशन): कैल्शियम कार्बोनेट (चूना पत्थर) कैल्शियम ऑक्साइड (अनबुझे चूने) में टूट जाता है।

2. विद्युत् अपघटन अभिक्रिया (इलेक्ट्रो लाइटिक डिकम्पोजीशन रिएक्शन) (इलेक्ट्रोलाईसिस)

विद्युत् अपघटन तब होता है जब विद्युत धारा यौगिक (कंपाउंड) के जलीय विलयन (साल्यूशन) से गुजरती जाती है। पानी का इलेक्ट्रोलाईसिस इसका अच्छा उदाहरण है।

3. प्रकाश अपघटन अभिक्रिया (फोटो डिकम्पोजीशन रिएक्शन) (फोटोलाईसिस)

प्रकाश अपघटन ऐसी रासायनिक अभिक्रिया होती है जिसमें पदार्थ प्रकाश (फोटॉन) के संपर्क में आकर सरल पदार्थों में टूट जाता है।

सिल्वर क्लोराइड का अपघटन (डिकम्पोजीशन): वॉच ग्लास में ली गई सिल्वर क्लोराइड की थोड़ी सी मात्रा (AgCl) कुछ समय के लिए धूप के नीचे रख दें। क्रिस्टल धीरे-धीरे धूसर रंग का हो जाते हैं। विश्लेषण करने पर, यह पाया जाता है कि सूर्य का प्रकाश सिल्वर क्लोराइड के सिल्वर और क्लोरीन में टूट जाने का कारण होता है।

सिल्वर ब्रोमाइड भी इसी तरह से टूट जाता है।

अपघटन अभिक्रियाएं (डिकम्पोजीशन रिएक्शन) प्रकृति में अधिकांशत: उष्माशोषी (एन्डोथर्मिक) होती हैं क्योंकि इन्हें उष्मा, प्रकाश या बिजली के रूप में ऊर्जा की जरूरत होती है। ऊर्जा के अवशोषण से अभिक्रिया करने वाले पदार्थ में मौजूद बांड टूट जाता है। यह उत्पाद देने के लिए टूटता है

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