Hindi, asked by goluthakur2831997, 3 months ago

अपकी पाठ्यपुस्तक के पाठ दस्तक' को पढ़िए और पाठ का सार अपने शब्दों में लिखिए।​

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Answered by smratisharma23
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Answer:

लेखक डॉ. शिवभूषण त्रिपाठी ने अपनी ‘दस्तक’ शीर्षक कहानी के माध्यम से यह सन्देश दिया है कि मनुष्यों में परस्पर सहयोग, सहानुभूति एवं सद्भाव रखना बहुत ही अनिवार्य है। इन भावों से मनुष्य एक-दूसरे की मदद करने और सह-भाव रखने से एक-दूसरे के प्रति अपने मनुष्य होने की अवस्था का ज्ञान करा देता है।

लेखक सदैव ही समाज सेवा के लिए तत्पर रहता है। वह अपने अधिकांश समय को पीड़ितों और जरूरतमंदों की सेवा में बिताया करता है। इस तरह की उसकी आदत को लेखक की पत्नी पसन्द नहीं करती है। एक बार ऐसा होता है कि लेखक अपने अन्य मित्र के किसी काम से अपने शहर के बाहर चला जाता है। वहाँ वह कई दिन रहता है। इधर लेखक का पुत्र तीन मंजिल के मकान की छत से गिर कर बेहोश हो जाता है। उसके गिरने की सूचना कानों-कान सुनकर मुहल्ले और आस-पास के लोगों को मिलती है, तो वे अपना काम-धाम छोड़ लेखक के पुत्र सोनू को अस्पताल ले जाते हैं और इसके इलाज पर होने वाले खर्चे को भी वे आपस में मिलकर पूरा कर लेते हैं।

लेखक की पत्नी भी इस सूचना से आहत है। वह भी अस्पताल पहुँचती है लेकिन सोनू की चोट की सहानुभूति में इकट्ठ लोगों की भीड़ देखकर लेखक की पत्नी भी बेहोश हो जाती है। उसे पता नहीं कि यहाँ क्या हो रहा है ? होश में आने पर पता चला कि वे सभी उसके पुत्र और उनके परिवार की सहायता के लिए इकटे हुए हैं। वह दंग रह जाती है।

उधर लेखक भी दूसरे शहर में एक बालक के पैर में आई हुई चोट के लिए उसकी सहायता करता है। घर आने पर सोनू के गिरने की दुर्घटना को सुनकर वह भी आश्चर्य करता है। परन्तु लेखक की पत्नी के हृदय का परिवर्तन हो चुका है। वह अब मानती है कि भलाई का नतीजा भलाई में ही मिलता है। सोनू स्वस्थ हो जाता है। उस दिन से लेखक की पत्नी भी शहर के प्रत्येक मुहल्ले में समाज सेवा और सहायता केन्द्र चलाना प्रारम्भ कर देती है।

Answered by qwstoke
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पाठ्य पुस्तक के पाठ " दस्तक" का सार अपने शब्दों में निम्न प्रकार से दिया गया है

  • पाठ "दस्तक " के लेखक शिवभूषण त्रिपाठी है।
  • वे सदा दुखी तथा पीड़ित लोगों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं। उनके अनुसार मानव सेवा सर्वोपरि है।
  • उनकी पत्नी को लेखक की यह बात पसंद नहीं क्योंकि वे घर पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते।
  • एक बार लेखक तथा उनकी पत्नी घर पर नहीं थे, उनका पुत्र तिसरी मंजिल से गिर गया, उस वक्त सभी पड़ोसी उनके पुत्र को जल्द अस्पताल ले आए।
  • जब लेखक की पत्नी को यह सूचना प्राप्त हुई तो वह भी दौड़ी - दौड़ी अस्पताल आयी, वहां इतनी भीड़ देखकर वह हैरान रह गई कि इतने लोग उसकी सहायता के लिए पहुंच गए हैं।
  • इस घटना के बाद लेखक की पत्नी का हृदय परिवर्तन हो गया तथा उसने भी एक सहायता केंद्र खोला।
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