अपके स्कूल में संगीत दिवस को मानने का आयोजन किया गया है उस पर एक सूचना लिखिए।
plz plz plz plz plz
Answers
संगीत, ध्वनि का ऐसा लयबद्ध व्यवहार है जो हमें अपने आपसे जोड़ने में सहायक सिद्ध होता है. भारतीय संस्कृति में भी विभिन्न वाद्य-यंत्रों एवं उनसे उत्पन्न ध्वनि, राग-रागिनियों का विशिष्ट महत्त्व है. यूं तो सृष्टि के कण-कण में संगीत है फिर चाहे यह बहती हुई नदिया की धारा हो या किनारे से टकराकर लौटती समंदर की प्रचंड लहरें. बहती हुई हवा और उस पर झूमते-लहराते पत्ते भी ह्रदय के इसी तरंगित साज को अभिव्यक्ति देते प्रतीत होते हैं. कुल मिलाकर संगीत हमारी आत्मा में इस तरह रच-बस चुका है कि इसके बिना जीवन की कल्पना ही व्यर्थ है.
विद्या की देवी मां सरस्वती के कर-कमलों में वीणा की उपस्थिति संगीत की महानता की कहानी स्वयं ही कह जाती है. संगीत, दिलों को जोड़ता है तो अवसाद के भारी पलों में एक कुशल चिकित्सक की तरह उचित मरहम भी लगाता है. दोस्तों के साथ शोर-शराबे वाले संगीत के साथ मस्ती का मज़ा कुछ और ही है तथा अकेलेपन में धीमे-धीमे बजते संगीत की स्वर लहरियां भी उतनी ही सुमधुर, कर्णप्रिय लगती हैं. हमारे सुख-दुःख का साथी है संगीत, जो स्नेहसिक्त क्षणों में हमें अपनी बाहों में भर लेता है और पीड़ा के समय किसी अच्छे-सच्चे मित्र की तरह हाथ थामे साथ चलता है.
आपका सबसे प्रिय गीत आपके एक खराब दिन और मूड को सामान्य कर देने की क्षमता रखता है और आपको विश्वास होने लगता है कि दुनिया उतनी भी बुरी नहीं जितना कि कुछ पल पहले आप महसूस कर रहे थे. स्मृतियों के सुनहरे पृष्ठ भी संगीत की धुन पर अपनी थाप देने लगते हैं. आपकी कोमल भावनाओं की सहज, सुन्दर अभिव्यक्ति है, संगीत. इन्हीं पलों को उल्लास के साथ जीने के लिए विश्व-भर के संगीत प्रेमियों ने 21 जून को 'विश्व संगीत दिवस' मनाने का निर्णय लिया था. कहते हैं 1982 में इसी दिन फ़्रांस के एक संगीत-उत्सव के दौरान यह तय किया गया था. कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यह आईडिया एक अमेरिकन संगीतकार ने 1976 में दिया था. बहरहाल श्रेय कोई भी ले, हम और आप तो इस संगीत का भरपूर मज़ा लें और जीवन की दुरूहता को मुस्कान के साथ स्वीकारें.
आज 'विश्व योग दिवस' है और सबसे बड़ा दिन भी! उस पर संगीत का साथ! तो स्वस्थ रहें, सूफ़ी सुनें, शास्त्रीय संगीत का आनंद उठाएं, अपना मनपसंद वाद्य-यंत्र बजाएं या फिर फिल्मी गीतों में खो जाएं....अजी, आपका दिन है भई, अपने हिसाब से आनंद उठायें.
जितना योग करना आवश्यक है, संगीत का साथ भी उतना ही महत्वपूर्ण है क्योंकि योग शरीर को स्वस्थ रखता है तो संगीत ह्रदय और आत्मा को संतृप्त करता है.
आपका सबसे प्रिय गीत आपके एक खराब दिन और मूड को सामान्य कर देने की क्षमता रखता है और आपको विश्वास होने लगता है कि दुनिया उतनी भी बुरी नहीं जितना कि कुछ पल पहले आप महसूस कर रहे थे. स्मृतियों के सुनहरे पृष्ठ भी संगीत की धुन पर अपनी थाप देने लगते हैं. आपकी कोमल भावनाओं की सहज, सुन्दर अभिव्यक्ति है, संगीत. इन्हीं पलों को उल्लास के साथ जीने के लिए विश्व-भर के संगीत प्रेमियों ने 21 जून को 'विश्व संगीत दिवस' मनाने का निर्णय लिया था. कहते हैं 1982 में इसी दिन फ़्रांस के एक संगीत-उत्सव के दौरान यह तय किया गया था. कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यह आईडिया एक अमेरिकन संगीतकार ने 1976 में दिया था. बहरहाल श्रेय कोई भी ले, हम और आप तो इस संगीत का भरपूर मज़ा लें और जीवन की दुरूहता को मुस्कान के साथ स्वीकारें.
आज 'विश्व योग दिवस' है और सबसे बड़ा दिन भी! उस पर संगीत का साथ! तो स्वस्थ रहें, सूफ़ी सुनें, शास्त्रीय संगीत का आनंद उठाएं, अपना मनपसंद वाद्य-यंत्र बजाएं या फिर फिल्मी गीतों में खो जाएं....अजी, आपका दिन है भई, अपने हिसाब से आनंद उठायें.
जितना योग करना आवश्यक है, संगीत का साथ भी उतना ही महत्वपूर्ण है क्योंकि योग शरीर को स्वस्थ रखता है तो संगीत ह्रदय और आत्मा को संतृप्त करता है.