Hindi, asked by meday82, 4 months ago

अपमान पूर्वक अमृत पीने से तो अच्छा है सम्मान पूर्वक विषपान पाठ के आधार पर अपने विचार बताइए​

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Answered by ad7510070
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Answer:

राहू का अपमानित अमृत तो थोड़ा ही अंधेरा कर पाता है लेकिन मान का विषपान करने वाले भगवान शिव सब को खुशियां देकर ऊजाले की तरह सदा ही पूजे जाते और सबको नचाने वालों को वह नचाकर नटराज शिव बन जाते हैं तथा महारात्रि के कल्याण मयी शिव बनकर सम्मान की महाशिवरात्रि मनवाते हैं

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