• अपने आस-पास घटित चतुराई से संबंधित घटना लिखिए।
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चतुराई से संबंधित से एक घटना
कोई भी विपदा अर्थात मुसीबत कह कर नही आती पर जब कोई विपदा आती है तो उसका मुकाबला सूझबूझ और चतराई पूर्वक किया जाए तो उस मुसीबत के असर को टाला जा सकता है या उससे अच्छी तरीके से निपटा जा सकता है। यहां इसी से संबंधित एक घटना प्रस्तुत है।
हमारे पड़ोसी राम नारायण ने अपने एक मित्र से कुछ पैसे उधार लिए थे। किसी कारणवश वो पैसे वापस नहीं कर पा रहे थे। राम नारायण जी के पास एक मोटरसाइकिल थी। उनका मित्र चालाक और धूर्त किस्म का व्यक्ति था। वह राम नारायणजी को दिये के पैसों बदले में उन पैसों से चारगुना मूल्य की मोटरसाइकिल हड़प करने की फिराक में था। एक दिन वह राम नारायण जी के पास अपने पैसे की मांग करने लगा और उनके सामने एक शर्त रखी।
रामनारायण जी के मित्र ने उनसे बोला कि मेरी इस थैली में दो पत्थर हैं एक काला और एक सफेद। तुम एक कोई एक पत्थर निकालो। यदि काला पत्थर आया तो तुम्हें मेरे पैसों के बदले में ये मोटरसाइकिल देनी होगी और यदि सफेद पत्थर निकला तो मैं तुम्हे दिया अपना सारा कर्ज माफ कर दूंगा।
जब रामनारायण जी के सामने ये शर्त उनका मित्र रख रहा था तो उनका बेटा राहुल जो कि मेरा मित्र है वहीं पर था। उसे शक हुआ कि उसके पिता का मित्र ऐसी अजीब शर्त लेकर क्यों आया है अगर यदि सफेद पत्थर निकला तो उसे अपने सारे पैसे माफ करने पड़ेंगे। राहुल अपने पिता के मित्र की प्रत्येक हरकत पर नजर रखने लगा। उसके पिता ने शर्त स्वीकार ली। पिता के मित्र ने पहले तो दो काले-सफेद पत्थर दिखाये और उन्हें कपड़े की थैली में डाल दिया। फिर रामनारायण से बातें करने लगा और उन्हें बातों में फंसाकर उनका ध्यान भटकाकर थैली से सफेद पत्थर निकालकर एक काला पत्थर डाल दिया। राहुल ने उसकी ये हरकत पकड़ ली। अब उसे सारा माजरा समझ में आ गया। उसने अपने पिता के मित्र को उसकी ही चाल में फंसाने का फैसला किया।
अब शर्त के अनुसार जैसे ही उसके पिता ने थैली में हाथ डालकर पत्थर निकाला उसने एकदम से अपने पिता के हाथ अपना हाथ मार दिया जिससे वो पत्थर छिटककर दूर नाली में जा गिरा और पानी से साथ बह गया। फिर राहुल सॉरी-सॉरी बोलकर कहने लगा कि उसे अचानक शरारत सूझी थी इसलिये उसने ऐसा किया। फिर वो अपने पिता के मित्र को बोला, अंकल आप चिंता न करो। आपकी शर्त बरकरार रहेगी। भले ही हम पत्थर का रंग नही देख पाये लेकिन उसका रंग अभी भी पता किया जा सकता है। थैली में जो पत्थर बचा रह गया है उसके रंग से पता चल जायेगा कि पहले कौन सा पत्थर निकला था। यदि थैली में काला पत्थर होगा तो सफेद पत्थर निकला होगा, और यदि थैली में सफेद पत्थर होगा तो पहले वाला पत्थर काला होगा।
उसके पिता के मित्र ने तो चीटिंग की थी और दोनों पत्थर काले थे, लेकिन वो अपनी इस चीटिंग का खुलासा नही कर सकता था अतः मजबूरन उसे ऐसा करना पड़ा और थैली में से काला पत्थर निकला और वो ये जानकर भी नही कह सकता था कि पहले वाला पत्थर भी काला ही क्योंकि इससे उसकी चीटिंग पकड़ी जाती। फिर शर्त के अनुसार उसे रामनारायण का सारा कर्जा माफ करना पड़ा।
राहुल की चतुराई के कारण वो अपने ही बिछाये जाल में फंस गया।