Hindi, asked by rkharb5211, 9 months ago

अपने आस-पास की किसी पक्षी के बारे में जानकारी इकट्ठा कर इसके बारे लगभग 100 शब्दों में लिखिए

Answers

Answered by parthsuresh2006
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उत्तर:

पंख वाले या उड़ने वाले किसी भी जन्तु को पक्षी कहा जाता है। जीव विज्ञान में एविस् श्रेणी के जन्तुओं को पक्षी कहते हैं।[2] इस अण्डा देने वाले रीढ़धारी प्राणी की लगभग १०,००० प्रजातियाँ इस समय इस धरती पर निवास करती हैं। इनका आकार २ इंच से ८ फीट तक हो सकता है तथा ये आर्कटिक से अन्टार्कटिक तक सर्वत्र पाई जाती हैं। पक्षी ऊँचे पहाडों को उड़ कर पार कर जाते हैं। ये गहरे जल में २५० मीटर तक डुबकी लगा लेते हैं। इन्हें ऐसे महासागरों के ऊपर उड़ते देखा गया है जहाँ से तट हजारों किलोमीटर दूर है। इनका शरीर पंखों से ढँका होता है। सभी प्राणियों में पक्षी सबसे अधिक सुन्दर एवं आकर्षक प्राणी हैं। पंख रहते हुए भी कुछ पक्षी उड़ नहीं सकते हैं परन्तु अधिकतर पक्षी आकाश में उड़ते हैं।

पंख वाले या उड़ने वाले किसी भी जन्तु को पक्षी कहा जाता है। जीव विज्ञान में एविस् श्रेणी के जन्तुओं को पक्षी कहते हैं।[2] इस अण्डा देने वाले रीढ़धारी प्राणी की लगभग १०,००० प्रजातियाँ इस समय इस धरती पर निवास करती हैं। इनका आकार २ इंच से ८ फीट तक हो सकता है तथा ये आर्कटिक से अन्टार्कटिक तक सर्वत्र पाई जाती हैं। पक्षी ऊँचे पहाडों को उड़ कर पार कर जाते हैं। ये गहरे जल में २५० मीटर तक डुबकी लगा लेते हैं। इन्हें ऐसे महासागरों के ऊपर उड़ते देखा गया है जहाँ से तट हजारों किलोमीटर दूर है। इनका शरीर पंखों से ढँका होता है। सभी प्राणियों में पक्षी सबसे अधिक सुन्दर एवं आकर्षक प्राणी हैं। पंख रहते हुए भी कुछ पक्षी उड़ नहीं सकते हैं परन्तु अधिकतर पक्षी आकाश में उड़ते हैं।इनका सम्पूर्ण शरीर नौकाकार होता है और पंखों से ढँका होता है। शरीर सिर, गर्दन, धड़ और पूँछ में विभक्त रहता है। अग्रपाद डैनों में रूपान्तरित होते हैं। जबड़े चोंच में रूपान्तरित हो जाते हैं जिनमें दाँत नहीं पाये जाते हैं।

पक्षी उड़ने वाले जीव हैं । ये आसमान में पंख फैलाकर उड़ते हैं तो आकर्षक दृश्य उपस्थित हो जाता है । प्रभात और सायंकाल में इनकी किलकारी से धरती गुंजित हो उठती है । इनके निवास से वन-प्रांतों की शोभा निखर उठती है । इनके आकर्षक रंगों से हर कोई मोहित हो जाता है ।

पक्षी उड़ने वाले जीव हैं । ये आसमान में पंख फैलाकर उड़ते हैं तो आकर्षक दृश्य उपस्थित हो जाता है । प्रभात और सायंकाल में इनकी किलकारी से धरती गुंजित हो उठती है । इनके निवास से वन-प्रांतों की शोभा निखर उठती है । इनके आकर्षक रंगों से हर कोई मोहित हो जाता है ।पक्षी हैं ही बड़े अजीब । कोई काला, कोई हरा तो कोई जामुनी । इनका हल्का शरीर इन्हें उड़ने में मदद करता है । इनके पंख हल्के तथा रंग-बिरंगे होते हैं । इनके दो पैर और दो आँखें होती हैं । पैरों की सहायता से ये धरती पर विचरण करते हैं । उसी प्रकार पक्षी जगत् में भी अनेक प्रकार की विभिन्नताएँ पायी जाती हैं । परंतु दो विशेषताएँ तो सबमें समान हैं-एक तो ये उड़ सकते हैं, दूसरा यह कि सभी पक्षी अंडे देते हैं ।

उसी प्रकार पक्षी जगत् में भी अनेक प्रकार की विभिन्नताएँ पायी जाती हैं । परंतु दो विशेषताएँ तो सबमें समान हैं-एक तो ये उड़ सकते हैं, दूसरा यह कि सभी पक्षी अंडे देते हैं ।पक्षी प्रकृति से गहराई से जुड़े होते हैं । ये जंगलों में, झाड़ियों में तथा वृक्षों पर घोंसला बनाकर रहते हैं । जहाँ थोड़ी सी हरियाली देखी वहीं बसेरा बना लिया । खर-पतवार इकट्‌ठा किया, तिनका-तिनका जोड़ा और घोंसला बना लिया । कुछ पक्षी तो घोंसला बनाने में बहुत निपुण होते हैं, जैसे कि बया पक्षी का घोंसला

कुछ पक्षियों का मृदुल स्वर हमें आकर्षित करता है । कोयल, पपीहा, तोता आदि पक्षियों की सुमधुर ध्वनि के सभी कायल हैं । साहित्य में इनके स्वर की बड़ी चर्चा है । कवि की रचनाओं में इनका बहुत गुणगान है । पर कुछ पक्षियों की बोली कर्कश मानी जाती है । कहा भी गया है कि कोयल किसे क्या देता है और कौआ किससे क्या लेता है, पर कौए की कर्कश बोली के कारण सब उसे नापसंद करते हैं ।

कुछ पक्षियों का मृदुल स्वर हमें आकर्षित करता है । कोयल, पपीहा, तोता आदि पक्षियों की सुमधुर ध्वनि के सभी कायल हैं । साहित्य में इनके स्वर की बड़ी चर्चा है । कवि की रचनाओं में इनका बहुत गुणगान है । पर कुछ पक्षियों की बोली कर्कश मानी जाती है । कहा भी गया है कि कोयल किसे क्या देता है और कौआ किससे क्या लेता है, पर कौए की कर्कश बोली के कारण सब उसे नापसंद करते हैं ।यों तो पक्षी आजाद रहना चाहते हैं पर कुछ पक्षियों को मनुष्य पालतू बना कर रखता है । कबूतर, तोता, मुर्गा जैसे पक्षियों को पालतू बनाया जा सकता है । तोता तो अनेक घरों में विराजमान है । यह मनुष्य की आवाज की नकल निकाल सकता है । इसे पिंजड़े में रखा जाता है । कबूतर को शांति का प्रतीक माना जाता है । मुर्गा या मुर्गीपालन व्यवसायिक दृष्टि से बहुत महत्त्व रखता है । इनसे अंडा एवं मांस प्राप्त किया जाता है । कबूतरों का प्रयोग संदेशवाहक के रूप में किया जाता है ।

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Answered by sourasghotekar123
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Explanation:

मेरे पड़ोस की भाभी के पास एक तोता है। वह तो उसका हरे रंग का है और उसकी चौंच लाल रंग की है। वैसे तो कहा जाता है कि तोते बोल सकते है आप की नकल कर सकते हैं। तो वह तोता सिर्फ टाएं टाएं करता है। तोते को अमरूद और लाल मिर्च बहुत पसंद है। मेरी पड़ोसन ने उस तोते को पिंजरे में नहीं अपने घर में खुला रखा है और वह सोचता इतना अच्छा है कि वह घर से कभी बाहर उड़ता भी नहीं है। परन्तु बाहर की बिल्लियां कभी कभी आ जाती। हूँ पर वो तो होता होशियार हैं और अपने पिंजरे में चला जाता है छिपने के लिए। वह तो  कम से कम 25 साल का है।

#SPJ2

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