Social Sciences, asked by himanshigupta507, 9 months ago

अपने आस पास पाए जाने वाली वनस्पतियों तथा पशु पक्षियों में से प्रत्येक की 5 प्रजातियों की सूची बनाइए जानकारी कटी करिए कि आप के आस पास पाए जाने वाली प्रजातियों में से कोई विलुप्त होने वाले की कगार पर तो नहीं है ऐसी प्रजातियों का नाम लिखते हुए इनके विलुप्त होने की कगार पर होने के कारण तथा इने सुरक्षित करने के सुझावों पर लगभग 200 शब्दों में एक प्रतिवेदन लिखिए​

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Answered by manav931
0

Answer:

What is the chapter

Explanation:

Plz tell

Answered by baban8219
1

Answer:

मारीशस में एक पक्षी डोडो पाया जाता था जिसे स्वादिष्ट होने के कारण मांसाहारी खा गये। इस पक्षी की कमजोरी थी कि यह अपने 15-20 किलो वजन के कारण उड़ नहीं पाता था। अब यह सदा के लिये विलुप्त हो गया है। डोडो के समाप्त होने का परिणाम यह हुआ कि ‘काल्वेरिया मेजर’ नामक वृक्ष भी समाप्त होने की स्थिति में आ गये क्योंकि उल्लिखित पेड़ के बीजों का मोटा छिलका अपने पेट में पचाकर डोडो पक्षी बीज बाहर निकाल देता था तभी यह बीज उग पाते थे। डोडो खत्म तो काल्वेरिया पौधा समाप्त होने के कगार पर। इस समय 300 साल पुराने मात्र 13 पेड़ बचे हैं। आँकड़े दर्शाते हैं कि प्रति बीस वर्ष में प्रत्येक दस में से एक पार्थिव प्रजाति विलुप्त होने जा रही है। पेड़-पौधों की लगभग 25,000 प्रजातियाँ और रीढ़दार जानवरों, रेंगने वाले प्राणियों, पक्षी तथा स्तनपायी जीवों की लगभग 9,000 प्रजातियाँ निकट भविष्य में विलुप्त होने की स्थिति में हैं।

1973 में वाशिंगटन में अस्सी देशों के प्रतिनिधि एकत्र हुए और जीवों के संरक्षण के लिये एक आचार संहिता बनाई गई जिसे ‘कनवेंशन ज्ञान इण्टरनेशनल ट्रेड एण्ड एडेंजर्ड स्पीशीज ऑफ वाइल्ड फाॅना एण्ड फ्लोरा’ नाम दिया गया। इसमें कहा गया है कि संकटग्रस्त जीवजन्तुओं और वनस्पतियों को बचाने का उत्तरदायित्व समूची दुनिया का है। यदि पर्यावरण ह्रास के कारण किसी भी प्रकार की वनस्पति या प्राणि प्रजाति संकटापन्न होती है तो इसका प्रत्यक्ष दुष्प्रभाव मानव के अस्तित्व पर पड़ता है। खाद्य शृंखला के रूप में सभी का अन्योन्याश्रित सम्बन्ध है।

सारणी-1

भारत में संकटग्रस्त वन्य जीव

1

2

3

1. शेर

2. चीता

3. बाघ

4. सफेद तेंदुआ

5. गैंडा

6. स्लोलोरिस

7. जंगली भैंसा

8. गंगीय डालफिन

9. लाल पाण्डा

10. मालावार सिवेट

11. कस्तूरी हिरन

12. संगाई हिरन

13. बारहसिंघा

14. कश्मीरी हिरन

15. सिंह पूंछ बन्दर

16. नीलगिरि लंगूर

17. लघुपूंछ बन्दर

18. बबून

19. गुनोन

20. चिम्पैंजी

21. औरंग

22. ऊटान

23. वनमानुष

24. कछुआ

25. पैगोलिन

26. सुनहरी सूअर

27. जंगली गधा

28. पिगमी सूअर

29. चित्तीदार लिनसैग

30. सुनहरी बिल्ली

31. भूरी बिल्ली

32. डुगोंग

33. सोन चिड़िया

34. जर्डेन घोड़ा

35. पहाड़ी बटेर

36. गुलाबी सिर बत्तख

37. श्वेतपूंछ बत्तख

38. टेंगोपान

39. मगरमच्छ

40. घड़ियाल

41. जलीय छिपकली

42. अजगर

43. भूरा बारहसिंघा

44. छोटा बारहसिंघा

45. चैसिंघा हिरन

46. दलदली हिरन

47. मास्क हिरन

48. नीलगिरी हिरन

 

सारणी-2

विलुप्त हो रहे जीव-जन्तुओं की संख्या

प्रजाति

विलुप्त हो चुकी

विलुप्त होने का खतरा

1. पेड़-पौधे

384

19079

2. मछलियां

32

343

3. उभयचर

2

50

4. सरीसृप

21

170

5. बिना रीढ़ वाले जन्तु

98

1355

6. पक्षी

113

1037

7. स्तनधारी

83

497

कुल योग

724

22,530

 

इतिहास साक्षी है कि अशोक महान ने अपने सभी शिलालेखों पर जीवों पर दया करने की बात लिखवाई थी। धार्मिक सुरक्षा के कवच ने ही वन्य जीवों को लम्बे अन्तराल तक बचाये रखा। बन्दूक का आविष्कार होते ही वन्य जीवों को अपना अस्तित्व बनाये रखना भी कठिन हो गया। ब्रिटिश सरकार ने वन्य जीवों की सुरक्षा के लिये प्रथम कानून वर्ष 1879 में ‘वाइल्ड एलीफेन्ट प्रोटेक्शन एक्ट’ नाम से पारित किया गया।

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