अपने आत्मसम्मान को दांव पर लगाकर जीवित रहना अशोभनीय है। आत्मसम्मान जीवन का सबसे जरूरी हिस्सा है। जिसके बिना व्यक्ति नगण्य है। आत्मसम्मान के साथ जीवन बिताने के लिए व्यक्ति को कठिनाईयों पर विजय प्राप्त करनी होती है। केवल कठिन और निरंतर संघर्ष से ही व्यक्ति बल, विश्वास और मान्यता प्राप्त कर सकता है।" उपर्युक्त कथन किसके द्वारा कहा गया है?*1
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Dr B R Ambedkar ne kaha tha
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