"अपने अपने भाग्य" कहानी में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए ।
Answers
Answered by
0
Answer:
प्रस्तुत कहानी 'अपना-अपना भाग्य' उस वर्ग पर केंद्रित है, जो अभाव के कारण उपेक्षित जीवन जीने पर मजबूर है। ... अतः अपना अपना भाग्य शीर्षक का प्रयोग लेखक ने व्यंग्य के रूप में किया है, जो कथा के अनुसार उचित और सार्थक लगता हैं।
Similar questions