अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे हैं, वह उचित क्यों नहीं है?
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उत्तर :
रामस्वरूप अपनी बेटी का रिश्ता गोपाल प्रसाद के बेटे शंकर से तय करना चाहते हैं। गोपाल प्रसाद उनकी बेटी से तरह-तरह के सवाल जवाब पूछते हैं ।रामस्वरूप चाहता है कि उसकी बेटी उमा उनके सभी प्रश्नों का उत्तर बड़े सहज भाव से दे। वे यह भी चाहता है कि गोपाल प्रसाद के द्वारा पूछे गए बेहूदा प्रश्नों के भी वह चुपचाप उत्तर देती जाए और उनके द्वारा किए गए अपने अपमान को चुपचाप सहन कर ले , क्योंकि वे लड़के वाले हैं।वे अपनी बेटी उमा से यह भी चाहते थे कि लड़के वालों के सामने वे कम पढ़ी लिखी, शांत गंभीर, सीधी सादी स्वभाव की दिखाई दे। रामस्वरूप का अपनी बेटी से ऐसे व्यवहार की अपेक्षा करना बिल्कुल ग़लत है । आजकल के वर्तमान युग में लड़का और लड़की दोनों में किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं रह गया है। दोनों ही बराबर की शिक्षा के अधिकारी है और विवाह के समय केवल लड़की होने के कारण उसे चुपचाप अपमान सहना पड़े यह ठीक नहीं है। लड़का और लड़की बराबर सम्मान के अधिकारी है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
Answer:
हर व्यक्ति को इस बात का अधिकार होना चाहिए कि उसकी शादी ठीक होते वक्त उसकी बात भी सुनी जाये। जब बड़े बुजुर्गों द्वारा रिश्ते परंपरागत तरीके से ठीक किये जाते हैं तो वर पक्ष को कुछ अधिक ही अधिकार प्राप्त होते हैं। लड़के वाले हर तरीके से ठोक बजाकर लड़की को जाँचते परखते हैं। यह बात किसी भी स्वाभिमानी लड़की को नागवर गुजर सकती है। वहीं दूसरी ओर, यह उम्मीद की जाती है कि लड़के से कोई भी सवाल न पूछा जाये। ऐसी बात महिलाओं के सम्मान और अधिकारों का गला घोंटती है। इसलिए राम्स्वरूप अनुचित कर रहे हैं।