अपने भाई के जन्मदिवस के उत्सव पर अपने मित्र को निमन्त्रण-पत्र लिखिए।
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Answer:
happy birthday
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अपने भाई के जन्मदिवस के उत्सव पर अपने मित्र को निमन्त्रण-पत्र लिखिए।
917, गाँधी नगर
दिल्ली-92
03 फ़रवरी, 2022
प्रिय मित्र रतन,
सप्रेम नमस्कार।
तुम्हें यह जानकर अति प्रसन्नता होगी कि 28 अप्रैल को मेरे छोटे भाई अमन का जन्मदिवस है। हमने उसके जन्मदिवस के उपलक्ष में एक उत्सव का आयोजन किया है। सायंकालीन 6 बजे से जलपान की व्यवस्था है। इस अवसर पर छोटे बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे। मनोरंजन के दूसरे साधन जैसे जादू, अंताक्षरी इत्यादि सबका भरपूर मनोरंजन करेंगे। मैं चाहता हूँ कि इस शुभ अवसर पर तुम भी अपने पूरे परिवार के साथ अवश्य आओ और अमन को आशीर्वाद दो। मेरा तुमसे मिलने का बहुत मन है, इसी बहाने हम एक-दूसरे से मिल लेंगे। मैंने अपने सभी मित्रों को आमंत्रित किया है, सभी एक साथ मिलकर खूब आनंद लेंगे। एक बार फिर मेरी तथा मेरे परिवार की ओर से आमंत्रण स्वीकार करो।
शेष मिलने पर।
तुम्हारा प्रिय मित्र,
अनिकेत
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हिंदी पत्र लेखन के प्रकार :-
पत्र लेखन को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
- अनौपचारिक पत्र
- औपचारिक पत्र
परीक्षा में उम्मीदवारों को ऊपर वर्णित किसी भी प्रकार पर 150- 200 शब्द का पत्र लिखने के लिए कहा जा सकता है। आइए दोनों प्रकार के अक्षरों को विस्तार से समझते हैं।
अनौपचारिक पत्र लेखन
अनौपचारिक पत्रों को व्यक्तिगत पत्र भी कहा जाता है। इस प्रकार के पत्र आमतौर पर रिश्तेदारों, परिवार, दोस्तों या परिचितों को लिखे जाते हैं। इन पत्रों के लिखने का कोई ठोस कारण हो भी सकता है और नहीं भी।
अनौपचारिक पत्र लिखने का उद्देश्य एक व्यक्तिगत संस्मरण बनाना है। इसे किसी औपचारिकता का पालन करने या किसी निर्धारित पैटर्न का पालन करने की आवश्यकता नहीं है।
अनौपचारिक पत्र प्रारूप
प्रेषक परिचय और पता - ऊपर बाईं ओर पत्र भेजने वाले (प्रेषक) का नाम व पता लिखा जाता है।
दिनांक ——
विषय - ——
संबोधन - जिस व्यक्ति को पत्र लिखा जा रहा है|
अभिवादन - जिस को पत्र लिखा जा रहा है उसके संबंध मैं(जैसे सादर प्रणाम, चरण स्पर्श, नमस्ते, नमस्कार, मधुर प्यार)
मुख्य विषय - मुख्य विषय को मुख्यतः तीन अनुच्छेदों में विभाजित करना चाहिए।
- पहला अनुछेद :“हम/मैं यहाँ कुशल हूँ, आशा करता हूँ कि आप भी वहाँ कुशल होंगे।”————-
- दूसरा अनुच्छेद :———————–
- तीसरा अनुछेद: जैसे कि- “मेरी तरफ से बड़ों को प्रणाम, छोटों को आशीर्वाद व प्यार आदि”।
समाप्ति - जैसे- आपका पुत्र, आपकी पुत्री, आपकी की भतीजी आदि”।
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