अपनी भाषा के अतिरिक्त dusri bhasha kyu sikhni chaiye
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कई लोग दूसरी भाषा सीखते हैं, क्योंकि उनके स्कूल में यह सिखायी जाती है। वहीं कुछ लोग अलग-अलग कारणों से खुद दूसरी भाषा सीखते हैं। जैसे:
ऑस्ट्रेलिया में रहनेवाली एक लड़की आना ने सोचा कि वह लैटवियन भाषा सीखेगी, जो उसकी माँ के देश में बोली जाती है। आना कहती है, “हमारा परिवार लाटविया घूमने के लिए जानेवाला है और मैं चाहती हूँ कि मैं अपने रिश्तेदारों से उनकी भाषा में बात करूँ।”
अमरीका में रहनेवाली जीन यहोवा की साक्षी है। उसने अमेरिकन साइन लैंग्वेज सीखी। वह परमेश्वर की सेवा और ज़्यादा करने के लिए बेलिज़ देश में जाकर रहने लगी। वह कहती है, “बधिर लोगों की दुनिया बहुत छोटी-सी होती है, वे गिने-चुने लोगों से ही बातचीत कर पाते हैं। जब मैं उन्हें बताती हूँ कि मैंने अमेरिकन साइन लैंग्वेज सीखी है, ताकि मैं उन्हें बाइबल के बारे में सिखा सकूँ, तो उन्हें बहुत अच्छा लगता है।”
कई लोग दूसरी भाषा सीखते हैं, क्योंकि उनके स्कूल में यह सिखायी जाती है। वहीं कुछ लोग अलग-अलग कारणों से खुद दूसरी भाषा सीखते हैं। जैसे:
ऑस्ट्रेलिया में रहनेवाली एक लड़की आना ने सोचा कि वह लैटवियन भाषा सीखेगी, जो उसकी माँ के देश में बोली जाती है। आना कहती है, “हमारा परिवार लाटविया घूमने के लिए जानेवाला है और मैं चाहती हूँ कि मैं अपने रिश्तेदारों से उनकी भाषा में बात करूँ।”
अमरीका में रहनेवाली जीन यहोवा की साक्षी है। उसने अमेरिकन साइन लैंग्वेज सीखी। वह परमेश्वर की सेवा और ज़्यादा करने के लिए बेलिज़ देश में जाकर रहने लगी। वह कहती है, “बधिर लोगों की दुनिया बहुत छोटी-सी होती है, वे गिने-चुने लोगों से ही बातचीत कर पाते हैं। जब मैं उन्हें बताती हूँ कि मैंने अमेरिकन साइन लैंग्वेज सीखी है, ताकि मैं उन्हें बाइबल के बारे में सिखा सकूँ, तो उन्हें बहुत अच्छा लगता है।”
क्या आप जानते हैं? बाइबल में भविष्यवाणी की गयी थी कि परमेश्वर के राज की खुशखबरी “हर राष्ट्र, गोत्र, भाषा और जाति के लोगों को” सुनायी जाएगी। (प्रकाशितवाक्य 14:6) आज यहोवा के साक्षियों में बहुत-से जवान दूसरी भाषा सीख रहे हैं, ताकि वे अपने देश में या दूसरे देश जाकर ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों को परमेश्वर के बारे में सिखा सकें। इस तरह वे बाइबल की यह भविष्यवाणी पूरी कर रहे हैं।
क्या मुश्किलें आएँगी?
कोई भाषा सीखना आसान नहीं होता। करीना कहती है, “मुझे लगता था कि कोई भाषा सीखने के लिए आपको बस उस भाषा के शब्द सीखने होंगे। लेकिन फिर मुझे पता चला कि आपको उस भाषा को बोलनेवालों की संस्कृति और उनके सोचने का तरीका भी सीखना पड़ता है। दूसरी भाषा सीखने में सच में बहुत वक्त लगता है।”
भाषा सीखने के लिए नम्र होना भी ज़रूरी है। जेम्स नाम के एक नौजवान ने स्पैनिश सीखी। वह कहता है, “अपनी गलतियों को हँसी में टालना सीखें, क्योंकि आपसे बहुत-सी गलतियाँ होंगी। मगर तभी तो आप कोई भाषा सीख पाएँगे।”
सौ बात की एक बात: अगर आप रुकावटों को पार करना सीख लें और गलतियों की वजह से कभी-कभी होनेवाली शर्मिंदगी को नज़रअंदाज़ कर दें, तो आपके लिए भाषा सीखना ज़्यादा मुश्किल नहीं होगा।