अपनी भाषा प्यारी भाषा पर अनुच्छेद
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भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी है। हिंदी भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने बाली भाषा है। हिंदी भाषा बोलने में सबसे आसान भाषा है क्योंकि जो हिंदी में लिखा जाता है वहीँ बोला जाता है। जबकि अन्य भाषाओं में ऐसा बिल्कुल नहीं होता है। भारत देश में बहुत सारी भाषाएं बोली और पढ़ीं जाती हैं देश में इतनी भाषाएँ हैं के इस पर एक कहावत भी प्रचलित है
मतलब हमारे देश में कुछ दूरी पर ही पानी का स्वाद बदल जाता है चार कोस अर्थात भाषा बाणी बदल जाती है। इन भाषाओं में सबसे अधिक हिंदी भाषा बोली जाती है। 14 सितम्बर 1949 को हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा घोषित किया गया। भारत में 50 करोड़ से भी ज्यादा लोग हिंदी बोलते हैं। संसार में 150 ऐसे देश हैं यहां पर हिंदी बोली जाती है। प्रेम सागर आधुनिक हिंदी में प्रकाशित पहली किताब है लल्लू लाल की यह किताब सन 1805 में प्रकाशित हुई थी।
सन 1857 ई: की क्रांति के पश्चात देश को विदेशियों के कब्जे से मुक्त कराने के लिए लहर पूरे देश में बहने लगी थी। बंगाली सुभाष चन्द्र बोस , गुजराती स्वामी दयानंद आदि ने हिंदी के माध्यम से देश को एक सूत्र में बांधने की कोशिश की। आज़ादी प्राप्त हुई तो कुछ विदेशी पत्रकार महात्मा गांधी जी के पास उनके साक्षात्कार लेने के लिए आए और पत्रकारों ने गांधी जी से अंग्रेजी भाषा में वार्तालाप करनी शुरू कर दी गांधी जी ने उन्हें हिंदी में उतर देते हुए कहा अब भारत आज़ाद है और में अपने देश की भाषा ही बोलूंगा।
अंग्रेजी भाषा के बहुत सारे शब्द हिंदी भाषा से बने हैं जैसे Avatar शब्द हिंदी के ही शब्द अवतार से बना है और अंग्रेजी में चूड़ियों को बेन्गल्स कहते हैं जो के हिंदी के शब्द बांगडी से बना है जो के एक प्रकार की चूड़ी होती है। ऐसे ही अंग्रेजी के बहुत सारे शब्द हिंदी के शब्दों से बने हुए हैं।
भारत ने अपने इतिहास के पांच हज़ार वर्षों में कभी भी किसी देश पर हमला नहीं किया जिस कारण हिंदी भाषा का प्रसार भारत तक ही सीमित रहा अंग्रेजी इसीलिए हिंदी भाषा से आगे है क्योंकि अंग्रेजों ने दुसरे देशों पर हमला कर वहां उपनिवेश किया और अपनी भाषा का प्रसार किया।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है इसीलिए हमें इसका सम्मान करना चाहिए सभी देशवासियों को हिंदी बोलने और पढ़ने में गर्व महसूस करना चाहिए तो चलिए दोस्तों आज से ही हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी का ज्यादा से ज्यादा प्रचार और इसके महत्व को समझने की कोशिश करें और हिंदी को दिल से अपनाएं