Hindi, asked by dkdevender, 9 months ago

अपने छोटे भाई को अच्छे मित्र के गुण बताते हुए पत्र लिखए की वह मित्रो के चुनाव में बहुत सावधानी बरते।

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Answers

Answered by jaspalsohi007
2

Answer:

meree pyaree shoteee bhaiyaa ji hmeshaa mittr shiii chunoo jaise jo naa studyy krta hoo nalak koo mitrr bnao kyukii tumm bhii nalayakk hooo agrr asheee see dostii ki tooo uskoo bhiiii brbddd krdegaa tu

kheel lee studyy bilkull nhiii krnaaa

jo studyy na kree bhii tooper hotaa hai

tooprss are success in exmm

but backbencher succes in lyff.....

Answered by koonergavan
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अशोक कुमार,

कृष्ण कुंज, पवन विहार

दादर, मुंबई

दिनांक: 18/11/2014

प्रवीण कुमार,

सेवा सदन,

हिसार, हरियाणा

आदरणीय भ्राताश्री,

सप्रेम नमस्कार,

मैं यहाँ कुशलतापूर्वक हूँ तथा आपके एवं माँ और पिताजी की कुशलता की कामना करता हूँ | जैसाकि आप जानते हैं मेरा विद्यालय और छात्रावास में अब मन लग गया है | यहाँ का शिक्षा का स्तर काफी अच्छा है और छात्रावास के अनुशासन के कारण मेरी पढाई और खेलकूद दोनों नियमित हो गए हैं | इसका मुझे काफी लाभ मिल रहा है | एक अच्छे मित्र की कमी थी वो भी दो सप्ताह पहले पूरी हो गयी |

मेरा नया मित्र किशोर मेरी कक्षा में ही है | वह राजस्थान का है व उसने दो सप्ताह पहले ही विद्यालय में प्रवेश लिया है | छात्रवास में हम दोनों एक ही कमरे में रहते हैं | इन दो सप्ताहों में उसने अपने अनुशासित जीवन, हंसमुख स्वभाव और कठोर परिश्रम की क्षमता से मुझे अत्यधिक प्रभावित किया है | वह किसी भी परिस्थिति में रात के दस बजे के बाद नहीं जागता और प्रातः काल पाँच बजे से पहले उठना तय है | छः बजे तक उसके व्यायाम का समय होता है | वह साथ में मुझे भी ले जाता है | मैं आलस्य करूं तो भी किसी न किसी तरह से मुझे नींद से जगाकर व्यायाम के लिए ले ही जाता है | इससे मेरे आराम पसंद जीवन पर शुरू में असर तो पड़ा पर अब काफी लाभ दिखने लगा है |

व्यायाम के बाद आकर तैयार होकर हम दोनों विद्यालय जाते हैं | वहाँ वह पूरी एकाग्रता से पढाई पर ध्यान देता है | खाली वक्त में वह न सिर्फ स्वयं पढता रहता है अपितु कमजोर विद्यार्थिओं की भी सहायता करता रहता है | मुझे पढाई में कभी उसकी सहायता की आवश्यकता तो नहीं पड़ी पर मैं उसके इस गुण से बहुत प्रभावित हुआ हूँ |

विद्यालय से छूटते ही हम दोनों खेल के मैदान पहुँच जाते हैं | बिना खेलों के विद्यार्थी का जीवन क्या | जितनी एकाग्रता किशोर पढाई में दिखता है उतना ही जोश वो खेलते समय भी दिखाता है | वह फुटबॉल तथा क्रिकेट का शानदार खिलाड़ी है | वास्तव में वह एक हरफनमौला व्यक्तित्व है | खेलकर आने के बाद हम दोनों मिलकर विद्यालय का काम, अध्ययन करने में लग जाते हैं | वह इसमे न स्वयं कोताही करता है न मुझे करने देता है | इस प्रकार उसके अनुशासित होने का लाभ मुझे भी मिल रहा है |

यह विद्यालय वास्तव में लाजवाब है | यहाँ न केवल मेरे अध्ययन का स्टार ऊँचा उठा है बल्कि ऐसे योग्य मित्र भी मिले हैं जिनके कारण मुझे बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है और मैं अनुशासित जीवन का आदि हो रहा हूँ |

इस तरह मैं यहाँ बहुत प्रसन्न हूँ | माँ और पिताजी की बहुत याद आती है, उन्हें मेरा प्रणाम कहना | पत्र का नियमित जवाब देते रहिये | आपके आशीर्वाद की कामना है |

आपका स्नेहपात्र,

Gavin

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