Hindi, asked by jangraamit4526, 9 months ago

अपने छोटे भाई को अनुशासन के बारे में बताओ ना​

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Answered by YOGESHmalik025
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अनुशासन का महत्व बताते हुए अपने छोटे भाई को एक पत्र लिखिए?

Answer:

1318, न्यू शिमला,

शिमला 171002,

दिनांक 19 मार्च, 2019

प्रिय छोटे भाई रोहित ,

मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ और आशा करता हूँ कि, तुम भी स्वस्थ होंगे। तुम अब घर से दूर छात्रावास में रहते हो| इसलिए बड़े भाई होने ले नाते मैं तुम्हें इस पत्र के माध्यम से तुम्हें अनुशासन का महत्व बताना चाहता हूँ|

याद रखना जीवन में कुछ पाने के लिए अनुशासन होना बहुत जरूरी है | हर काम को समय पर करना और अनुशासन के साथ करना बहुत जरूरी है ,अनुशासन मनुष्य की सफलता का अधिकांश भाग उसकी अनुशासित गतिविधियों पर निर्भर करता है। अनुशासन एक ऐसा गुण है जिसकी मनुष्य को जीवन के हर क्षेत्र में जरूरत पड़ती है | अपने अध्यापक की सारी बातों लो ध्यान से देना |

मुझे पूरा विश्वास है कि तुम मेरी बात पर गौर करोगे और अनुशासन का ध्यान रखोगे |

तुम्हारा बड़ा भाई

मोहित |

Answered by Anonymous
3

Answer:

अनुशासन एक क्रिया है जो अपने शरीर, दिमाग और आत्मा को नियंत्रित करता है और परिवार के बड़ों, शिक्षकों और माता-पिता की आज्ञा को मानने के द्वारा सभी कार्य को सही तरीके से करने में मदद करता है। ये एक ऐसी क्रिया है जो अनुशासन में रह कर हर नियम-कानून को मानने के लिये हमारे दिमाग को तैयार करती है।

ज्ञाकारी होता है और उसके पास उचित सत्ता के आज्ञा पालन के लिये स्व-शासित व्यवहार होता है। अनुशासन पूरे जीवन में बहुत महत्व रखता है और जीवन के हर कार्यों में इसकी जरुरत होती है।

यह सभी के लिये आवश्यक है जो किसी भी प्रोजेक्ट पर गंभीरता से कार्य करने के लिये जरुरी है। अगर हम अपने वरिष्ठों की आज्ञा और नियमों को नहीं मानेंगे तो अवश्य हमें परेशानियों का सामना करना पड़ेगा और असफल भी हो सकते हैं।

हमें हमेशा अनुशासन में होना चाहिये और अपने जीवन में सफल होने के लिये अपने शिक्षक और माता-पिता के आदेशों का पालन करना चाहिये। हमें सुबह जल्दी उठना चाहिये, निययमित दिनचर्या के तहत साफ पानी पीकर शौचालय जाना चाहिये, दाँतों को साफ करने के बाद नहाना चाहिये और इसके बाद नाश्ता करना चाहिये। बिना खाना लिये हमें स्कूल नहीं जाना चाहिये। हमें सही समय पर स्वच्छता और सफाई से अपना गृह-कार्य करना चाहिये।

अनुशासन⬇

हमें कभी भी अपने माता-पिता की बातों का निरादर, नकारना या उन्हें दुखी नहीं करना चाहिये। हमें अपने स्कूल में पूरे यूनिफार्म में और सही समय पर जाना चाहिये। कक्षा में स्कूल के नियमों के अनुसार हमें प्रार्थना करना चाहिये। हमें अपने शिक्षकों की आज्ञा का पालन करना चाहिये, साफ लिखावट से अपना कार्य करना चाहिये तथा सही समय पर दिये गये पाठ को अच्छे से याद करना चाहिये।

हमें शिक्षक, प्रधानाध्यापक, चौकीदार, खाना बनाने वाले या विद्यार्थियों से बुरा बर्ताव नहीं करना चाहिये। हमें सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिये चाहे वो घर, स्कूल, कार्यालय या कोई दूसरी जगह हो। बिना अनुशासन के कोई भी अपने जीवन में कोई भी बड़ी उपलब्धि प्राप्त नहीं कर सकता। इसलिये अपने जीवन में सफल इंसान बनने के लिये हमें अपने शिक्षक और माता-पिता की बात माननी चाहिये।

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