Math, asked by Laksh249, 10 months ago

अपने छोटे भाई को नियमित व्यायाम करने की सलाह देते हुए पत्र लिखिए।​

Answers

Answered by aniketkumar9129
34

Answer:

patra

Step-by-step explanation:

प्रिय सौरभ,

शुभाशीष

पिछले दिनों घर से माताजी का पत्र आया था कि तुम्हारा स्वास्थ्य दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है, यह पढ़कर मुझे बहुत चिंता हुई। भाई! स्वास्थ्य संसार की सबसे बड़ी नेमत है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। माताजी ने लिखा था कि तुम अपनी पढ़ाई-लिखाई में इतना ध्यान देते हो कि तुम्हें खाने-पीने और विश्राम करने का होश ही नहीं रहता। मुझे बड़ी प्रसन्नता है कि तुम अपने अध्ययन के प्रति इतने गंभीर हो।

किंतु सौरभ, याद रखो कि एक बीमार राजा होने से एक स्वस्थ मजदूर होना अधिक उत्तम है। अपनी पढ़ाई के साथ-साथ तुम अपने स्वास्थ्य पर भी समुचित ध्यान दो। इसके लिए सबसे अधिक उपयोगी व्यायाम है। शरीर की दुर्बलता दूर करने के लिए व्यायाम किसी औषधि से भी अधिक उत्तम है। व्यायाम से रक्त संचरण सुचारु रूप से होता है। शरीर सुंदर एवं सहिष्णु बनता है तथा पाचनशक्ति बढ़ जाती है। व्यायाम के साथ-साथ संतुलित आहार-विहार तुम्हें अवश्य स्वस्थब नाएगा। तुममें जीवन उत्साह एवं स्फूर्ति का संचार होगा।

व्यायाम का महत्त्व हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों ने भी बताया है। अनेक ग्रंथों में लिखा है कि जो व्यक्ति नित्यप्रति समुचित व्यायाम करता है और अपना आहार-विहार संतुलित रूप से रखता है, उसे जीवन में कभी भी बीमारियों का शिकार नहीं होना पड़ता। यदि बीमार व्यक्ति भी नित्य हल्का-फुल्का व्यायाम करे तो वह शीघ्र ही स्वस्थ होकर सबल और पुष्ट हो जाता है। इस प्रकार व्यायाम के इतने लाभ हैं जिन्हें यहाँ लिखना संभव नहीं है।

आशा है, तुम अपने स्वास्थ्य की अपेक्षा करके व्यायाम को अपनी दैनिक दिनचर्या का एक अंग बना लोगे और अपने शरीर को हृष्ट-पुष्ट रखोगे । घर में सभी को यथायोग्य अभिवादन और स्नेह ।

तुम्हारा शुभाकांक्षी

शरद

MARK ME AS BRAINLIEST

Answered by Handwash333
6

Answer:

पता-----------------

दिनांक------------

प्रिय--------------

स्नेह आशीष।

आज ही मुझे माता जी का पत्र मिला। यह जानकर बड़ी प्रसन्नता हुई कि तुमने----- कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। लेकिन यह जानकर दुख हुआ कि तुमने यह सफलता अपना स्वास्थ्य गँवाकर प्राप्त की है। मुझे यह पता लगा है कि तुम केवल सारा दिन पढ़ाई में ही व्यस्त रहते हो ना तो तुम व्यायाम करते हो ना ही भ्रमण के लिए जाते हो।

मेरी इच्छा है कि तुम विद्वान बनो लेकिन साथ ही अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए व्यायाम से ही मस्तिष्क का विकास होता है, क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास करता है। स्वास्थ्य का पूरा पूरा ध्यान रखना चाहिए स्वास्थ्य बहुमूल्य धन है जिसने स्वास्थ्य पा लिया उसने सब कुछ पा लिया।

मैं आशा करता हूं कि तुम किताबी कीड़ा ना बन कर अपने स्वास्थ्य का भी पूरा-पूरा ध्यान रखोगे।

तुम्हारा अग्रज ,

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Step-by-step explanation:

Hope it helps :)

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