अपनी छोटी बहन को योग का महत्व बताते हुए पत्र लिखो
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27, जयनगर 9वाँ ब्लॉक, बेंगलूरु। दिनांक: 30 मार्च, 2 प्रिय शुभेक्षा शुभाशीर्वाद। पिताजी का पत्र मिला। जानकर बहुत हर्ष हुआ कि तुम आजकल बड़े मनोयोग से पढ़ाई कर रही हो। पिताजी ने यह भी लिखा कि तुम्हारा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। तुम्हें यह याद रखना चाहिए कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। अतः तुम्हें रोज व्यायाम और सुबह-सुबह टहलना चाहिए। खानपान का समुचित ध्यान रखना चाहिए। व्यायाम और खानपान में भी उसी मनोयोग से ध्यान दो जिस मनोयोग से पढ़ाई में ध्यान देती हो। मुझे उम्मीद है कि अगले पत्र में तुम्हारी दिनचर्या में परिवर्तन और स्वस्थ होने की सूचना मिलेगी। तुम्हारा भाई अर्णित सेवा में, 201, जयलक्ष्मीपुरम कालिदास रोड़ मैसूर।
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27, जयनगर 9वाँ ब्लॉक,
बेंगलूरु।
दिनांक: 30 मार्च, 2
प्रिय शुभेक्षा ,
शुभाशीर्वाद। पिताजी का पत्र मिला। जानकर बहुत हर्ष हुआ कि तुम आजकल बड़े मनोयोग से पढ़ाई कर रही हो। पिताजी ने यह भी लिखा कि तुम्हारा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। तुम्हें यह याद रखना चाहिए कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है।
अतः तुम्हें रोज व्यायाम और सुबह-सुबह टहलना चाहिए। खानपान का समुचित ध्यान रखना चाहिए। व्यायाम और खानपान में भी उसी मनोयोग से ध्यान दो जिस मनोयोग से पढ़ाई में ध्यान देती हो। मुझे उम्मीद है कि अगले पत्र में तुम्हारी दिनचर्या में परिवर्तन और स्वस्थ होने की सूचना मिलेगी।
तुम्हारा भाई
अर्णित
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