अपने गांव का या बुजुर्गों से सुना हुआ एक लोककथा
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बालगोबिन भगत कबीर के पक्के भक्त थे। वे कभी झूठ नहीं बोलते थे और हमेशा खरा व्यवहार करते थे। वे किसी की चीज का उपयोग बिना अनुमति माँगे नहीं करते थे। उनकी इन्हीं विशेषताओं के कारण वे साधु कहलाते थे।
Explanation:
कृपया मुझे ब्रैन्लीएस्ट मार्क कर दे
अपने गांव का या बुजुर्गों से सुना हुआ एक लोककथा
अभी गर्मियों की छुट्टियों की बात है मैं अपने गाँव गई थी| मेरी दादी ने मुझे पहले के रहन-सहन के बारे में बताया| गाँव में लड़कियों को बहार नहीं निकलने दिया जाता था| उन्हें बस घर के कामों के लिए समझा जाता था| लड़कियों को स्कूल भी नहीं भेजा जाता था| छोटी से उम्र में लड़कियों की शादी करवा दी जाती थी| लड़कियों को कोई भी कार्य करने की अनुमति नहीं होती थी|
घरों में पुरुषों को महत्व दिया जाता था| पुरुष ही घर के फैसले लिया करते थे| स्त्रियों को किसी के सामने बोलने की आज्ञा नहीं होती थी| सारे नियम स्त्रियों पर लागु किए जाते थे| आज भी बहुत सारी जगह पर यह अत्याचार स्त्रियों को सहने पड़ते है| पहले के समय में स्त्रियों को बहुत दुःख झेलने पड़ते थे| उन्हें पूरा समय पर्दे में रहना पड़ता था| पहले स्त्रियाँ सब को खाना खिलाती थी फिर उसके बाद वह खाना खाती थी|
यह लोककथा सुनने के बाद मुएज बहुत आश्चर्य हुआ कि पहले स्त्रियों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता था|