अपने गलती पर क्षमा माँगते हुए ,माँ को एक प्यारा _ सा पत्र लिखिए।
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dear mom
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210 विकास नगर
210 विकास नगरनई दिल्ली - 14
210 विकास नगरनई दिल्ली - 14दिनांक 22-11-2018
210 विकास नगरनई दिल्ली - 14दिनांक 22-11-2018आदरणीय माता जी
210 विकास नगरनई दिल्ली - 14दिनांक 22-11-2018आदरणीय माता जी सादर चरण स्पर्श
210 विकास नगरनई दिल्ली - 14दिनांक 22-11-2018आदरणीय माता जी सादर चरण स्पर्श माताजी मुझे पता है कि पिताजी के द्वारा आपको मेरे का दुर्व्यवहार के विषय में पता चला है . मैं हरदिया से आपसे भूल स्वीकार करता हूं. मुझे क्षमा कर दीजिए , मैं अपने किए पर बहुत शर्मिंदा हूं. मैं गलत दोस्तों की संगति में आकर घर के जिम्मेदारियों को भूल बैठा , यह सुनकर आपको निश्चय ही दुख हुआ होगा , क्योंकि आपको मुझसे काफी आशाएं हैं .
210 विकास नगरनई दिल्ली - 14दिनांक 22-11-2018आदरणीय माता जी सादर चरण स्पर्श माताजी मुझे पता है कि पिताजी के द्वारा आपको मेरे का दुर्व्यवहार के विषय में पता चला है . मैं हरदिया से आपसे भूल स्वीकार करता हूं. मुझे क्षमा कर दीजिए , मैं अपने किए पर बहुत शर्मिंदा हूं. मैं गलत दोस्तों की संगति में आकर घर के जिम्मेदारियों को भूल बैठा , यह सुनकर आपको निश्चय ही दुख हुआ होगा , क्योंकि आपको मुझसे काफी आशाएं हैं .मैं विश्वास दिलाता हूं कि भविष्य में ऐसी भूल फिर कभी नहीं होगी. मैं अपनी सभी जिम्मेदारियों को बड़ी ही निष्ठा और ईमानदारी से निभाऊंगा और एक आदर्श पुत्र बनकर दिखाऊंगा .
210 विकास नगरनई दिल्ली - 14दिनांक 22-11-2018आदरणीय माता जी सादर चरण स्पर्श माताजी मुझे पता है कि पिताजी के द्वारा आपको मेरे का दुर्व्यवहार के विषय में पता चला है . मैं हरदिया से आपसे भूल स्वीकार करता हूं. मुझे क्षमा कर दीजिए , मैं अपने किए पर बहुत शर्मिंदा हूं. मैं गलत दोस्तों की संगति में आकर घर के जिम्मेदारियों को भूल बैठा , यह सुनकर आपको निश्चय ही दुख हुआ होगा , क्योंकि आपको मुझसे काफी आशाएं हैं .मैं विश्वास दिलाता हूं कि भविष्य में ऐसी भूल फिर कभी नहीं होगी. मैं अपनी सभी जिम्मेदारियों को बड़ी ही निष्ठा और ईमानदारी से निभाऊंगा और एक आदर्श पुत्र बनकर दिखाऊंगा .आपका आज्ञाकारी पुत्र
210 विकास नगरनई दिल्ली - 14दिनांक 22-11-2018आदरणीय माता जी सादर चरण स्पर्श माताजी मुझे पता है कि पिताजी के द्वारा आपको मेरे का दुर्व्यवहार के विषय में पता चला है . मैं हरदिया से आपसे भूल स्वीकार करता हूं. मुझे क्षमा कर दीजिए , मैं अपने किए पर बहुत शर्मिंदा हूं. मैं गलत दोस्तों की संगति में आकर घर के जिम्मेदारियों को भूल बैठा , यह सुनकर आपको निश्चय ही दुख हुआ होगा , क्योंकि आपको मुझसे काफी आशाएं हैं .मैं विश्वास दिलाता हूं कि भविष्य में ऐसी भूल फिर कभी नहीं होगी. मैं अपनी सभी जिम्मेदारियों को बड़ी ही निष्ठा और ईमानदारी से निभाऊंगा और एक आदर्श पुत्र बनकर दिखाऊंगा .आपका आज्ञाकारी पुत्र रवीश कुमार
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