Art, asked by theweddingfocuspoint, 3 months ago

अपनी हिन्दी पाठ्य पुस्तक के अतिरिक्त भक्तिकाल के किन्ही do प्रसिद्ध कवियों की जीवन शैली व रचनाओं का सचित्र वर्णन कीजिए।​

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Answered by Suhani556
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Answer:

भक्तिकाल में कृष्णभक्ति शाखा के अंतर्गत आने वाले प्रमुख कवियों में से  

1)स्वामी हरिदास    2)श्रीभट्ट भी हैं\

Explanation:

1)जीवनी - स्वामी हरिदास भक्त कवि, शास्त्रीय संगीतकार तथा कृष्णोपासक

'सखी संप्रदाय' के प्रवर्तक थे, जिसे 'हरिदासी संप्रदाय' भी कहते हैं\स्वामी हरिदास

का जन्म 1478 में हुआ था। इनके जन्म स्थान और गुरु के विषय में कई मत  

प्रचलित हैं। हरिदासपुर अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) इनका जन्म स्थान माना जाता है।

इनका जन्म समय कुछ ज्ञात नहीं है।

हरिदास की रचनाये

तिनका बयारि के बस,प्रेमसमुद्र रुपरस गहिरे, ज्यौंहिं ज्यौंहिं तुम रखत हौं इत्यादि है।

हरिदास स्वामी वैष्णव भक्त थे तथा उच्च कोटि के संगीतज्ञ भी थे। प्रसिध्द गायक  

तानसेन इनके शिष्य थे। सम्राट अकबर इनके दर्शन करने वृंदावन गए थे। 'केलिमाल  

में इनके सौ से अधिक पद संग्रहित हैं। इनकी वाणी सरस और भावुक है। ये प्रेमी भक्त थे\

2) जीवनी - श्री भट्ट का जन्म संवत् 1595 में अनुमान किया जाता है।  

 श्री भट्ट बज्र और मथुरा की सीमा में रहने को परम सुख और आनंद का  

 साधन मानते थे। ब्रज की लताएं, कुंज, सरिता, हरितिमा और मोहिनी  

 छवि को वे प्राणों से भी प्यारी समझते थे\श्री भट्ट  निंबार्क संप्रदाय के

 प्रसिद्ध विद्वान ‘केशव कश्मीरी’ के प्रमुख शिष्य थे।

   

 रचनाओं का सचित्र वर्णन

 इनकी कविता सीधी सादी और चलती भाषा में है। पद भी प्राय: छोटे छोटे हैं।  

 इनकी कृति भी अधिक विस्तृतनहीं है पर 'युगल शतक' नाम का इनका 100  

पदों का एक ग्रंथ कृष्णभक्तों में बहुत आदर की दृष्टि से देखा जाता है। 'युगल  

शतक' के अतिरिक्त इनकी एक छोटी सी पुस्तक 'आदि वाणी' भी मिलती है।  

ऐसा प्रसिद्ध है कि जब ये तन्मय होकर अपने पद गाने लगते थे तब कभी कभी  

उस पद के ध्यानानुरूप इन्हें भगवान की झलक प्रत्यक्ष मिल जाती थी।

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