Hindi, asked by mansimakhloga51, 20 hours ago

'अपनी हड्डी की मशाल से हृदय चीरते तम का" भाव स्पष्ट कीजिए।​

Answers

Answered by baguldhiraj0509
1

Answer:

*इसे सुनें

जिन्हें पढ़ना और उसके गूढ़ अर्थ को समझना हमारे लिए ज़रूरी है। यह प्रदीप जो दीख रहा है झिलमिल दूर नहीं है,थक कर बैठ गये क्या भाई मन्जिल दूर नहीं है। बाकी होश तभी तक, जब तक जलता तूर नहीं है थक कर बैठ गये क्या भाई मन्जिल दूर नहीं है। अपनी हड्डी की मशाल से हृदय चीरते तम का, सारी रात चले तुम दुख झेलते कुलिश निर्मम का।*

Similar questions