Hindi, asked by harshitamantri2008, 2 months ago

अपने किसी प्रिय खिलाड़ी के साथ हुए
(काल्पनिक) साक्षात्कार को 60 से 70
शब्दों में संवाद के रूप में लिखें।
(4-5 exchanges)​

Answers

Answered by srishtiartist35
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Answer:

सफलता और लगन की ऐसी मूरत जिसे देखो तो लगता है कि वाह ! क्या इंसान से मुलाकात हुई है I एक बच्चा केवल तीन वर्ष का था ,बल्ला पकड़कर खेलते देखा वहीँ से कोई सज्जन व्यक्ति जा रहे थे औए देख के रुक गए I आश्चर्य उन्हें तब लगा जब उन्होंने देखा कि बल्ला उतनी ही दूरी ले रहा है जितनी दुरी खेलने वाले को वहां चाहिए जो हमारे भारत की आन बान शान हैं Iसचिन तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल, 1973 को मुम्बई में हुआ । सचिन स्वभाव से ही शर्मीले तथा सौम्य हैं । उनकी सौम्यता ने ही शायद उन्हें हर सफलता दिलाई सौम्यता और सादगी की प्रतिमूर्ति, बल्लेबाजी का बेताज बादशाह तथा छोटे कद का बड़ा आदमी सचिन तेन्दुलकर मुम्बई के रहने वाले हैं I

ये कोई नहीं हमारे प्रिय सचिन तेंदुलकर हैं Iउनकी वाणी में मिठास है तथा उनके व्यक्तित्व में सज्जनता स्पष्ट झलकती है । जब वह प्रश्नों का उत्तर देते हैं तो उनकी भावनाएँ झलक पड़ती हैं । अपनी प्रसिद्धि के बावजूद अहंकार दूर-दूर तक उनको नहीं छूता है । जिस उम्र में बच्चे ये भी नहीं जानते की सपना पूरा करना या देखना क्या होता है उस वक़्त वो अपने कर्मक्षेत्र और अपने सपने को साकार करने अपनी क्रिकेट की दुनिया में आ गए I हौसले बुलंद हों तो कोई तूफ़ान उसे रोक नहीं सकता वही हैं सचिन तेंदुलकर I

व्यक्ति को बाहरी स्वरूप भी कभी-कभी धोखा दे सकता है । दूसरों पर विजय प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक नहीं है कि वह व्यक्ति लम्बा हो । एक बात जो फुटबॉल खिलाड़ी मैराडोनो और सचिन तेन्दुलकर में पायी जाती है । दोनों खिलाड़ी छोटे कद और घुंघराले बालों वाले हैं और दोनों ही अपनी प्रसिद्धि की चरम सीमा तक पहुँच चुके हैं । सचिन क्रिकेट के धुरंधर खिलाड़ी हैं । वह अर्जुन की तरह अपने लक्ष्य पर केन्द्रित रहे । चाहे उनके प्रतिद्वन्द्वी उनको कितना ही उकसाये वह अपना संतुलन नहीं खोते और इसी गुण में उनकी शानदार सफलता का राज छिपा हुआ है । ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने क्रिकेट को जागते सोते खाते पीते हर वक़्त उसी का अध्यन किया है Iवह यह जानते हैं कि किस तरह हर लोगों का सम्मान देना चाहिए ।

विश्व मीडिया ने अभी हाल ही में एक ड्रीम टीम का गठन किया था जिसमें सचिन अकेले भारतीय खिलाड़ी थे और उस टीम में स्थान पाकर उन्होंने भारत को गौरवान्वित किया । विश्व में जहाँ पर क्रिकेट एक प्रिय खेल है । सचिन हमेशा ही वहाँ सुर्खियों में रहते हैं । उन्होंने अपनी लगन और अपनी मेहनत से वो स्थान बनाया जिसकी कल्पना मात्र करना भी एक स्वक्प्न है I

उनके चाहने वालों का कहना है कि वे लोगों को निराश नहीं करते हैं और उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरते हैं । विश्व के प्रसिद्ध खिलाड़ियों के बारे में कुछ कहने से पहले सोचा जा सकता है किन्तु सचिन की महानता का लोहा सभी बिना किसी तर्क के स्वीकार करते है । विश्व के प्रसिद्ध खिलाडी जैसे सनत जयसूर्या, गैरी क्रिस्टन, सईद अनवर और मार्क वॉ भी सचिन से प्रभावित हुए बगैर नहीं रह सकते ।

विश्व कप 2003 जिसका आयोजन दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्बे, कीनिया ने संयुक्त रूप से किया था । उस टूर्नामेंट में सचिन तेन्दुलकर अपने शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ दि टूर्नामेंट घोषित किए गए थे । सचिन के टेस्ट मैच में 10000 के करीब रन बन चुके हैं जो केवल गावस्कर और एलन बोर्डर ( आस्ट्रेलिया खिलाड़ी ) के बाद तीसरे नम्बर पर आते हैं जबकि वनडे में 13,000 से भी ज्यादा रन तथा सबसे अधिक शतक बनाकर नम्बर एक का खिताब हासिल किये हुए हैं

सचिन स्वभाव से सुशील और सज्जन व्यक्ति हैं । अपने अच्छे व्यवहार के लिए युवाओं केआदर्श हैं । चाहे वह मैदान में हों या मैदान से बाहर उनके शालीन व्यवहार को सभी सराहते हैं । हम भारतीयों को भी इस बात पर गर्व है कि सचिन हमारे भारत का पुत्र है । इस गर्व से हमारा सिर हमेशा ऊँचा ही रहेगा । वह विश्व के सबसे ज्यादा धनी खिलाड़ियों में से एक हैं और वह सबसे ज्यादा पुरस्कृत खिलाड़ी है ।

पहले भी विश्व में महान बल्लेबाज हुए हैं और आज भी हैं लेकिन सचिन का मुकाबला शायद ही कोई कर पाता है । कभी भी वह टाप टेन की सूची से बाहर नहीं हुए हैं । जिस आत्मविश्वास और तकनीक के साथ सचिन खेलते हैं उसकी बराबरी कोई नहीं कर सकता । इतनी सारी उपलब्धियों के बाद भी उनकी इच्छा देश के लिए कुछ करने की है I इसलिए कहा गया है" होनहार वीरवान के होत चिकने पात" या "पूत के पांव पालने में ही नज़र आते हैं "Iधन्य है हमारा भारत जहाँ सचिन जैसे लाल पैदा हुए I

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