अपनी किसी रोमाँचक यात्रा पर कविता लिखे
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सिख लाएगा वह , एक ही अनिल है
जिंदगी नहीं वह जहां नहीं Hulchul
जिनमें दहकता नहीं ना तो गर्जन है
सुख की तरंग का जहां अंध वर्जन है
जो सत्य आंख में सने रूठे रूठे हैं
छोड़ उनको , वे सही नहीं, झूठे हैं
____________________
थोड़ा थक गई हूं थोड़ा दूर निकल गई हूं अपने जीवन की राहों में आनंद लेते हुए रसपान कर रही हूं
जीवन का आनंद लेना है तो राहों में अकेले चलना सीखो आनंद ही आनंद है पूरे जीवन में तुम अकेले हो तो पूरा जीवन खुशनुमा है
जी तो कोई भी लेता है पर जीना उसे नहीं कहते हैं जिस जीवन में खुशियां ना हो
रास्ते में चल रही थी न जाने कहां से वह फुहारा आप बड़ी तन को भी हो गई हूं मन में लहर सी उठ आ गई________
हां जरा अकेला हूं दुनिया की भीड़ में पर ऐसा नहीं कि मैंने जीवन की मौजों में कुछ ना किया हो सारी खुशियां वह पाई है जो मुझे मिलनी थी
थोड़ा थक गई हूं थोड़ा दूर निकल गई हूं अपने जीवन से पर ऐसा नहीं की मैंने चलना छोड़ दिया हूं
जिंदगी नहीं वह जहां नहीं Hulchul
जिनमें दहकता नहीं ना तो गर्जन है
सुख की तरंग का जहां अंध वर्जन है
जो सत्य आंख में सने रूठे रूठे हैं
छोड़ उनको , वे सही नहीं, झूठे हैं
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थोड़ा थक गई हूं थोड़ा दूर निकल गई हूं अपने जीवन की राहों में आनंद लेते हुए रसपान कर रही हूं
जीवन का आनंद लेना है तो राहों में अकेले चलना सीखो आनंद ही आनंद है पूरे जीवन में तुम अकेले हो तो पूरा जीवन खुशनुमा है
जी तो कोई भी लेता है पर जीना उसे नहीं कहते हैं जिस जीवन में खुशियां ना हो
रास्ते में चल रही थी न जाने कहां से वह फुहारा आप बड़ी तन को भी हो गई हूं मन में लहर सी उठ आ गई________
हां जरा अकेला हूं दुनिया की भीड़ में पर ऐसा नहीं कि मैंने जीवन की मौजों में कुछ ना किया हो सारी खुशियां वह पाई है जो मुझे मिलनी थी
थोड़ा थक गई हूं थोड़ा दूर निकल गई हूं अपने जीवन से पर ऐसा नहीं की मैंने चलना छोड़ दिया हूं
kairakhan:
plzzz
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